परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक – 186 मंगलकर अमंगलहार ।मंशा पूर्ण इक दरबार...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 185 वही जो सबसे प्यारे ।वही जो जग से न्यारे ।।...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 184 होता पलक भी,झलक तेरी पाना।खुशी का मेरी,न...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 183 जन जिन्हें निराकुल कहते हैं ।मुस्कान...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 182 निराकुल निरुपम ।तम-विहर, हर-गम ।।सुत वे गुरु...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 181 निराकुल तुम्हीं ।यमी संयमी ।। सिन्धु ज्ञान...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 180 निराकुलता से नेह इन्हें ।निराकुल रहना गेह...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 179 न निराकुल इनसा ।दरिया दिल इंसाँ ।। मसीहा...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 178 निराकुल है रोम रोम ।रहें जपते ओम-ओम ।।सिन्धु...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 177 दो बिगड़ी बना ।ओ महामना ।।बस इक सपना ।गुरु,लो...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 176 फब रहे हैं गीत पल के ।कब रहे हैं मीत कल के...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 175 खूब समय का जानें जो उपयोग ।जिन्हें रोग से...