परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 241 ओ महा-विद्या-आलय । हो रहा विद्या का लय ।।...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 240 मिसरी तुम घोलते हो । जुबां जब खोलते हो ।। कला...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 239 मन मेरे वचन तन । मेरे जीवन धन ।। हो क्या-क्या...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 238 हैं अंधेरे ।दो कह इक दफा ।ओ ! मेरे खुदा ।हैं...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 237 फूल पथ में हों, या काँटे । सदा मिलें जो,...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 234 विद्या सिन्धु अहो । दे जगह चरण दो ।। बे-वजह...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 236 घन घोर अंधेरे । तुम ही इक मेरे ।। भर सपने रँग...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 235 जी विधाता । दीन त्राता ।। इक शरण ओ । रख चरण...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 233 है भूल भुलैय्या । अयि ! मेरे खिवैय्या ।। दो...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 232 हैं आकुल-व्याकुल हम । हो शान्त निराकुल तुम...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 231 मैं आकुल-व्याकुल । हैं आप निराकुल ।। कर...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 230 थाम पतवार लो । लगा उस पार दो ।। गुरु खिवैय्या...
