परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 469 हाईकूकरते तप तरु, करने-कर-सेवा श्री गुरु...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 468 =हाईकू=गुरु,तंग न कर सके तपन,चाले पवन...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 467 =हाईकू= था चाहता, हूँ चाहता, मैं चाहूँगा भी,...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 466 =हाईकू= करने जन्म-चन्दन गुरु पाद-पद्म-वन्दन...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 465 “हाईकू”मेरा-अमर नाम, किया गुरु जी का हर...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 464 =हाईकू= गुरूर, अंतस्थ ‘र’ हटा, ‘कि गुरु-पन...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 463 =हाईकू= जितने बौर-आम, तुम्हें उतने बार प्रणाम...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 462 “हाईकू” पा गये रंग तितली-‘पर’ श्याम !...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 461 =हाईकू=वो फूल तुम,कभी न हो जिसकी मुस्कान-गुम...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 460 =हाईकू= पा…पा दृग्-नीर, हुई कोरा-कागज आपकी...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 459 “हाईकू” पास श्री गुरु के-बल, ‘लेख...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 458 =हाईकू=बारेक केलि,‘फलद’बार-नेक गुरु अकेली...
