परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 426 हाईकू साँच कहते,‘दिल में मेरे सिर्फ’ आप रहते...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 425 हाईकू करते गुरु महाराज, दिल न किसके राज...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 424 हाईकूआपने जो आ, रुखा सूखा स्वीकार...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 423 =हाईकू=आप रखने जो लगे ख्याल, हुये हम निहाल...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 421 =हाईकू=सभी कुछ दे दिया तुम्हें,पहली ही नजर...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 422 =हाईकू= सिवाय थारे, रहा न अब कुछ भी, पास म्हारे...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 420 “हाईकू”सिर्फेक सन्त,अविरोध सभी को आते...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 419 =हाईकू=करें छिन में, छिन्न-भिन्न विघन,गुरु...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 418 =हाईकू=हुआ क्या गुरु का दीदार,समझो हुआ भौ-पार...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 417 =हाईकू=कर दें काम मन का,‘गुरु’न लें नाम धन का...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 416 =हाईकू=मुझ माटी को कर दिया दीया, श्री गुरु...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 415 हाईकूजेते सन्त हैं,वे चलते-फिरते भगवन्त हैं...