परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 553 =हाईकू=रोना न पड़े,दे बना ‘गुरुदेव’ काम...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 552 =हाईकू= सिवाय सन्त, है कौन-बरसाने वाला आनन्द...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 551 =हाईकू=इस भक्त का भी,रख लेना ‘गुरु जी’...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 550 =हाईकू=स्वयम्-से, ‘आगे देखना चाहें बच्चों...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 549 =हाईकू= दूर से देखें, भक्तों को आते, ‘गुरु’...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 548 =हाईकू= और क्या, तेरा नाम ही तो गिनें, आ जा...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 547 =हाईकू=खुद से ज्यादा, रक्खें बच्चों का ध्यान...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 546 =हाईकू=है कोई,दोई जगत्,जगत खेवा,तो गुरुदेवा...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 545 “हाईकू” पाये छू रज, ‘पावन’ गुरु रोज...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 544 =हाईकू=तरु जी रहे,‘और-को’,‘और को’ जी...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 543 “हाईकू” सभी कलाएँ, खेल-खेल में, देती...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 542 हाईकूतुम्हें देखते ही,‘दुःख-दर्द’ मुड़...
