(३१)ज्ञान घन, ज्ञान घन, ज्ञान घन, ज्ञान घन हूँ मैं हाय ! अब तक रहा अंधेरे में ।क्यूॅं न उतरूॅं आज गहरे में...
(२१) अपनी आँख बन्द कर मैंने झाँका अन्दर दिखा मुझे एक शान्त समुन्दर आहा ! अहा ! मैं अन्दर ही अन्दर बड़ा खुश हुआ...
(११)एक है, एक है, एक है ।आत्मानुभूति कहो ।या ज्ञानानुभूति अहो ! ।।एक है, एक है, एक है । ज्ञान-घन , ज्ञान-घन,...
(१)रहे न मैली ।परणति मेरी ।।और कुछ भी न चाहूँ मैं ।सर समयसार अवगाहूँ मैं ।। धोकर हाथ पड़ा है पीछे ।अपनी और...
(९१) ‘मुझसे हाई… को ’ सीपी ओढ़नी मेहरबानी मोति आषाढ़ी पानी ‘मेरे साथ क…वीता’ सारी दुनिया ही चाहती...
(८१) ‘मुझसे हाई… को ’ रखना ला…ज ज…ला दें ना बहना अंगारे नैना ‘मेरे साथ क…वीता’ थाती कवि-कोविद्...
(७१) ‘मुझसे हाई… को ’ नम्बर ‘वन’ धन है चुन’री न ‘कि बन्धन है ‘मेरे साथ क…वीता’ भाई ! इतने...
(६१) ‘मुझसे हाई… को ’ ’बाहर’ न जाओ जाओ तो आ ओढ़नी आओ ‘मेरे साथ क…वीता’ छतरी ऐसी-वैसी नहीं बतलाती...
(५१) ‘मुझसे हाई… को ’ ए ‘री सहेली किरदार खुशबू वाला चुन’री ‘मेरे साथ क…वीता’ सुबह सुबह सिर उठा,...
(४१) ‘मुझसे हाई… को ’ बौराई हवा पश्चिम है चुनरी है तो दम है ‘मेरे साथ क…वीता’ अद्भुत संख्या है...
(३१) ‘मुझसे हाई… को ’ सुनो नज़र मिला सको कपड़े ‘कि यूँ पहनो ‘मेरे साथ क…वीता’ क्या...
(२१) ‘मुझसे हाई… को ’ कपड़े नौका दे सकता छोटा सा भी छेद धोखा ‘मेरे साथ क…वीता’ कहते हैं खुद बखुद खतरे...