नेमि नाथ आरती
आरतिया उतारो, नेमिनाथ भगवान् की ।
मूरतिया निहारो, नेमि नाथ भगवान् की ।।
लगा झिर बरसे, रतन अम्बर से ।
सोला सुपन देख, जगदम्बा हरसे ।।
आरतिया उतारो पहली गर्भ कल्याण की ।
मूरतिया निहारो, नेमि नाथ भगवान् की ।।
सौधर्म आये, उतर अम्बर से ।
न्हवन कराये, भर क्षीर नीर कलशे ॥
आरतिया उतारी दूजी जन्म कल्याण की ।
मूरतिया निहारो, नेमि नाथ भगवान् की ।।
लौकान्त आये, उतर अम्बर से ।
वन को चले आप, नेह तोड़ घर से ॥
आरतिया उतारो तीजी तप कल्याण की ।
मूरतिया निहारो, नेमि नाथ भगवान् की ।।
देवि-देव आये, उतर अम्बर से ।
सभा-समशरण, धार-वचनामृत बरसे ।।
आरतिया उतारो केवलज्ञान कल्याण की ।
मूरतिया निहारो, नेमि नाथ भगवान् की ।।
अग्नि देव आये, उतर अम्बर से ।
काफूर तन, अग्नि नख-केश झुलसे ।।
आरतिया उतारो कल्याण निर्माण की ।
मूरतिया निहारो, नेमि नाथ भगवान् की ।।
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