- परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक 922
तेरे बिना,
आँगन मेरा है सूना सूना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना
डाल भी दे एक नजर तू
ले भी ले मेरी खबर तू
क्या दिन, क्या रैना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना
तेरे बिना,
आँगन मेरा है सूना सूना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना ।।स्थापना।।
नीर नदिया गंगा-सिन्ध से ला
धार बना, तेरे चरणों में छोड़ा
‘के डाल भी दे एक नजर तू
ले भी ले मेरी खबर तू
क्या दिन, क्या रैना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना
तेरे बिना,
आँगन मेरा है सूना सूना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना ।।जलं।।
घट चन्दन गिर-मलय से ला
धार बना, तेरे चरणों में छोड़ा
‘के डाल भी दे एक नजर तू
ले भी ले मेरी खबर तू
क्या दिन, क्या रैना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना
तेरे बिना,
आँगन मेरा है सूना सूना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना ।।चन्दनं।।
थाल धाँ धाँ-कटारे से ला
साथ विनय तेरे चरणों में रक्खा
‘के डाल भी दे एक नजर तू
ले भी ले मेरी खबर तू
क्या दिन, क्या रैना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना
तेरे बिना,
आँगन मेरा है सूना सूना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना ।।अक्षतं।।
कमल दल-सहस मानस से ला
साथ विनय तेरे चरणों में रक्खा
‘के डाल भी दे एक नजर तू
ले भी ले मेरी खबर तू
क्या दिन, क्या रैना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना
तेरे बिना,
आँगन मेरा है सूना सूना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना ।।पुष्पं।।
चरु चारु चक्री महानस से ला
साथ विनय तेरे चरणों में रक्खा
‘के डाल भी दे एक नजर तू
ले भी ले मेरी खबर तू
क्या दिन, क्या रैना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना
तेरे बिना,
आँगन मेरा है सूना सूना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना ।।नैवेद्यं।।
मण दिया घी व्रज गुशाला के ला
साथ विनय तेरे चरणों में रक्खा
‘के डाल भी दे एक नजर तू
ले भी ले मेरी खबर तू
क्या दिन, क्या रैना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना
तेरे बिना,
आँगन मेरा है सूना सूना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना ।।दीपं।।
घट गंध दश स्वर्ग-पुरी से ला
साथ विनय तेरे चरणों में रक्खा
‘के डाल भी दे एक नजर तू
ले भी ले मेरी खबर तू
क्या दिन, क्या रैना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना
तेरे बिना,
आँगन मेरा है सूना सूना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना ।।धूपं।।
बाग नन्दन ला, परात भेला
साथ विनय तेरे चरणों में रक्खा
‘के डाल भी दे एक नजर तू
ले भी ले मेरी खबर तू
क्या दिन, क्या रैना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना
तेरे बिना,
आँगन मेरा है सूना सूना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना ।।फलं।।
गुल तण्डुल द्यु से ला करके मेला
साथ विनय तेरे चरणों में रक्खा
‘के डाल भी दे एक नजर तू
ले भी ले मेरी खबर तू
क्या दिन, क्या रैना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना
तेरे बिना,
आँगन मेरा है सूना सूना
तेरे बिना,
हैं सावन-भादों के जैसे नैना ।।अर्घ्यं।।
हाईकू
माँ से गुरु
न रक्खें, पेट में बस नौ मास शिशु
जयमाला
आपकी सेवा में गुजारे,
पल जो कुछ थोडे़ बहुत
उनका ‘जि गुरुदेव जी यदि,
फल हो कुछ थोड़ा बहुत
तो बस,
और बस यही प्रार्थना
मंजिल से पहले,
छोड़ देना साथ ना
हमसफर तुम्हारे जैसा कहीं और नहीं है
नम नज़र तुम्हारे जैसा कहीं और नहीं है
क्षमा बुत !
अय ! माँ श्री-मन्त सुत
आपकी सेवा में गुजारे,
पल जो कुछ थोडे़ बहुत
उनका ‘जि गुरुदेव जी यदि,
फल हो कुछ थोड़ा बहुत
तो बस,
और बस यही प्रार्थना
मंजिल से पहले,
छोड़ देना साथ ना
इक तुम्हारे सिवा,
कौन बिना वैशाखी चलता है
हर काई यहाँ,
एक दूसरे से जलता है
हमसफर तुम्हारे जैसा कहीं और नहीं है
नम नज़र तुम्हारे जैसा कहीं और नहीं है
क्षमा बुत !
अय ! माँ श्री-मन्त सुत
आपकी सेवा में गुजारे,
पल जो कुछ थोडे़ बहुत
उनका ‘जि गुरुदेव जी यदि,
फल हो कुछ थोड़ा बहुत
तो बस,
और बस यही प्रार्थना
मंजिल से पहले,
छोड़ देना साथ ना
दूर सर, नाक पर भी,
तुम्हारे बोझा नहीं
किया और के नाम अपना सब,
हाथ सकोचा नहीं
हमसफर तुम्हारे जैसा कहीं और नहीं है
नम नज़र तुम्हारे जैसा कहीं और नहीं है
क्षमा बुत !
अय ! माँ श्री-मन्त सुत
आपकी सेवा में गुजारे,
पल जो कुछ थोडे़ बहुत
उनका ‘जि गुरुदेव जी यदि,
फल हो कुछ थोड़ा बहुत
तो बस,
और बस यही प्रार्थना
मंजिल से पहले,
छोड़ देना साथ ना
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।
हाईकू
जायें,
न दूर भिजायें,
हमें,
सिर्फ दे इतना दें
Sharing is caring!