loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 323

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
    पूजन क्रंमाक 323

    =हाईकू=

    ओ ! माँ श्री मन्ती दृग्-तारे
    दो सुलटा
    भाग-सितारे ।।स्थापना।।

    त्रिगद भागे काँप के,
    आशीष में जादू आपके ।।जलं।।

    संताप भागे काँप के,
    आशीष में जादू आपके ।।चन्दनं।।

    संस्सृति भागे काँप के,
    आशीष में जादू आपके ।।अक्षतं।।

    वासना भागे काँप के,
    आशीष में जादू आपके ।।पुष्पं।।

    क्षुध्-तृषा भागे काँप के,
    आशीष में जादू आपके ।।नैवेद्यं।।

    मिथ्यात्व भागे काँप के,
    आशीष में जादू आपके ।।धूपं।।

    कल्मष भागे काँप के,
    आशीष में जादू आपके ।।दीपं।।

    दुर्गति भागे काँप के,
    आशीष में जादू आपके ।।फलं।।

    आलस्य भागे काँप के,
    आशीष में जादू आपके ।।अर्घ्यं।।

    =हाईकू=

    दिया पपीहा स्वाती-नीर,
    खो म्हारी भी दीजो पीर ॥

    जयमाला

    ।। जय विद्यासागर जय ।।

    रित नाम ‘पाप गिर’ क्षय ।
    प्रस्तुत आदर्श विनय ।।
    अरि अष्टक प्रति निर्दय ।
    दृग्-नासा आश विलय ।।
    जय विद्यासागर जय ।
    जय जय विद्यासागर जय ।।१।।

    कल पीछे प्रभा वलय ।
    खुद जैसा आज हृदय ।।
    दृढ़ निश्च सप्त बस नय ।
    भवि ! सप्त विवर्जित भय ।।
    जय विद्यासागर जय ।
    जय जय विद्यासागर जय ।।२।।

    संसाध परस्पर लय ।
    अन्तर्-मन अक्ष विजय ।।
    पुन सातिशयी संचय ।
    पर हित पनील दृग् द्वय ।।
    जय विद्यासागर जय ।
    जय जय विद्यासागर जय ।।३।।

    तय शिव राधा परिणय ।।
    सुख सहज निरा-कुल मय ।
    इक करुणा क्षमा निलय ।
    गुण अगण कीर्त अक्षय ।।
    जय विद्यासागर जय ।
    जय जय विद्यासागर जय ।।४।।

    ।। जयमाला पूर्णार्घं ।।

    =हाईकू=

    क्या चाहूँ ?
    तो मैं चाहूँ
    नाथ,
    सर पे आपका हाथ ॥

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point