loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 319

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
    पूजन क्रंमाक 319

    =हाईकू=

    तारे,
    नभ पा गये, ढेर सारे,
    मैं भी खड़ा द्वारे ।।स्थापना।।

    चढ़ाऊॅं जल,
    ‘कि कल फिर आना, ए महामना ! ।।जलं।।

    भेंटूँ चन्दन,
    इस ओर लाना ‘कि चरण पुनः ।।चन्दनं।।

    भेंटूँ धाँ शाली,
    ‘कि मनाऊँ दीवाली यूँ ही रोजाना ।।अक्षतं।।

    भेंटूँ कुसुम,
    ‘कि आ जाया करो यूँ ही रोज तुम ।।पुष्पं।।

    लगाऊँ भोग,
    कि कल फिर जुड़े यूँ ही संयोग ।।नैवेद्यं।।

    भेंटूँ दीवाली,
    पावन कीजे कल फिर ये गली ।।दीपं।।

    भेंटूँ धूप,
    न जाना दूर कि लगी पड़ने धूप ।।धूपं।।

    भेंटूँ फल,
    ‘कि नवधा भक्ति, मिले फिर से कल ।।फलं।।

    भेंटूँ अरघ,
    न करना खुद से मुझे अलग ।।अर्घ्यं।।

    =हाईकू=

    पाँव छूते ही आपके,
    पाँव ढ़ीले हुये पाप के

    जयमाला

    सुत श्रि-मत जय जय जय ।
    यति जगत जय जय जय ।।
    श्रुत सुरत जय जय जय ।
    व्रति महत् जय जय जय ।।१।।

    दृग् सजल जय जय जय ।
    जग कमल जय जय जय ।।
    रग अमल जय जय जय ।
    डग अचल जय जय जय ।।२।।

    शिख सुनत जय जय जय ।
    दुख हरत जय जय जय ।।
    हरि विरत जय जय जय ।
    कलि भरत जय जय जय ।।३।।

    सत् सु-मन जय जय जय ।
    पत श्रमण जय जय जय ।।
    रम वचन जय जय जय ।
    तम किरण जय जय जय ।।४।।

    दिव मुकत जय जय जय ।
    मत सुमत जय जय जय ।।
    थिर विरद जय जय जय ।
    जय जयत जय जय जय ।।५।।

    ॥ जयमाला पूर्णार्घं ॥

    =हाईकू=

    क्या चाहूँ ?
    तो मैं चाहूँ,
    गुरुदेव
    खो पाऊँ फरेब ।

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point