- परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक 967
कमाल कर दिया
पहुँचा के अपनी लहर
विद्या सागर ने घर घर
निहाल कर दिया
कमाल कर दिया ।।स्थापना।।
धोने काले-काले मन
आओ लाओ जल कंचन
भेंटें गुरु चरणन सादर
पहुँचा के अपनी लहर
विद्या सागर ने घर घर
पहुँचा के अपनी लहर
निहाल कर दिया
कमाल कर दिया ।।जलं।।
धोने काले-काले मन
आओ लाओ घट चन्दन
भेंटें गुरु चरणन सादर
पहुँचा के अपनी लहर
विद्या सागर ने घर घर
पहुँचा के अपनी लहर
निहाल कर दिया
कमाल कर दिया ।।चन्दनं।।
धोने काले-काले मन
आओ लाओ अक्षत कण
भेंटें गुरु चरणन सादर
पहुँचा के अपनी लहर
विद्या सागर ने घर घर
पहुँचा के अपनी लहर
निहाल कर दिया
कमाल कर दिया ।।अक्षतं।।
धोने काले-काले मन
आओ लाओ नन्द सुमन
भेंटें गुरु चरणन सादर
पहुँचा के अपनी लहर
विद्या सागर ने घर घर
पहुँचा के अपनी लहर
निहाल कर दिया
कमाल कर दिया ।।पुष्पं।।
धोने काले-काले मन
आओ लाओ घृत व्यंजन
भेंटें गुरु चरणन सादर
पहुँचा के अपनी लहर
विद्या सागर ने घर घर
पहुँचा के अपनी लहर
निहाल कर दिया
कमाल कर दिया ।।नैवेद्यं।।
धोने काले-काले मन
आओ लाओ दीप रतन
भेंटें गुरु चरणन सादर
पहुँचा के अपनी लहर
विद्या सागर ने घर घर
पहुँचा के अपनी लहर
निहाल कर दिया
कमाल कर दिया ।।दीपं।।
धोने काले-काले मन
आओ लाओ सुगंध अन
भेंटें गुरु चरणन सादर
पहुँचा के अपनी लहर
विद्या सागर ने घर घर
पहुँचा के अपनी लहर
निहाल कर दिया ।।धूपं।।
धोने काले-काले मन
कमाल कर दिया
आओ लाओ फल नन्दन
भेंटें गुरु चरणन सादर
पहुँचा के अपनी लहर
विद्या सागर ने घर घर
पहुँचा के अपनी लहर
निहाल कर दिया
कमाल कर दिया ।।फलं।।
धोने काले-काले मन
आओ लाओ द्रव सुरगन
भेंटें गुरु चरणन सादर
पहुँचा के अपनी लहर
विद्या सागर ने घर घर
पहुँचा के अपनी लहर
निहाल कर दिया
कमाल कर दिया ।।अर्घ्यं।।
कीर्तन
जय विद्या बोलो मन
जय विद्या, विद्या,
विद्या, विद्या,
विद्या, बोलो मन
जयमाला
तेरे सिवा, न कोई हमारा
एक तेरा सहारा
तेरे सिवा, न कोई हमारा
रूठा है किस्मत का भँवरा
छाये मुसीबत के बदरा
तू बनके आ… जा हवा
आ उन्हें ले जा उड़ा
तेरे सिवा, न कोई हमारा
एक तेरा सहारा
तेरे सिवा, न कोई हमारा
फैला चहुओर अँधियारा
वो भी भँवरे जैसा काला
एक तेरा सहारा
तेरे सिवा, न कोई हमारा
रूठा है किस्मत का भँवरा
छाये मुसीबत के बदरा
तू बनके आ… जा हवा
आ उन्हें ले जा उड़ा
तेरे सिवा, न कोई हमारा
एक तेरा सहारा
तेरे सिवा, न कोई हमारा
छाये मुसीबत के बदरा
रूठा है किस्मत का भँवरा
तू बनके आ जा फिंजा
फिर से, ले आ उसे उड़ा
तेरे सिवा, न कोई हमारा
एक तेरा सहारा
तेरे सिवा, न कोई हमारा
फैला चहुओर अँधियारा
वो भी भँवरे जैसा काला
एक तेरा सहारा
तेरे सिवा, न कोई हमारा
रूठा है किस्मत का भँवरा
छाये मुसीबत के बदरा
तू बनके आ… जा हवा
आ उन्हें ले जा उड़ा
तेरे सिवा, न कोई हमारा
एक तेरा सहारा
तेरे सिवा, न कोई हमारा
।।जयमाला पूर्णार्घं।।
हाईकू
गुरु सा और कौन ?
जमीं ही नहीं,
आस्मां भी मौन
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