- परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक 949
प्रति-रुप भगवन्त हैं
सन्त चलते फिरते ग्रन्थ हैं
आ देव शास्त्र गुरु पूजन कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें
सिद्ध स्वयमेव मन्त्र हैं
सन्त चलते फिरते ग्रन्थ हैं
आ देव शास्त्र गुरु पूजन कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें ।।स्थापना।।
गुरु चरणन जल घारा कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें
प्रति-रुप भगवन्त हैं
सिद्ध स्वयमेव मन्त्र हैं
सन्त चलते फिरते ग्रन्थ हैं
आ देव शास्त्र गुरु पूजन कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें ।।जलं।।
गुरु चरणन रज-मलयज धर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें
प्रति-रुप भगवन्त हैं
सिद्ध स्वयमेव मन्त्र हैं
सन्त चलते फिरते ग्रन्थ हैं
आ देव शास्त्र गुरु पूजन कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें ।।चन्दनं।।
गुरु चरणन धाँ अर्पण कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें
प्रति-रुप भगवन्त हैं
सिद्ध स्वयमेव मन्त्र हैं
सन्त चलते फिरते ग्रन्थ हैं
आ देव शास्त्र गुरु पूजन कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें ।।अक्षतं।।
गुरु चरणन गुल बरसा कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें
प्रति-रुप भगवन्त हैं
सिद्ध स्वयमेव मन्त्र हैं
सन्त चलते फिरते ग्रन्थ हैं
आ देव शास्त्र गुरु पूजन कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें ।।पुष्पं।।
गुरु चरणन रख चरु पातर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें
प्रति-रुप भगवन्त हैं
सिद्ध स्वयमेव मन्त्र हैं
सन्त चलते फिरते ग्रन्थ हैं
आ देव शास्त्र गुरु पूजन कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें ।।नैवेद्यं।।
गुरु चरणन लौं जागृत कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें
प्रति-रुप भगवन्त हैं
सिद्ध स्वयमेव मन्त्र हैं
सन्त चलते फिरते ग्रन्थ हैं
आ देव शास्त्र गुरु पूजन कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें ।।दीपं।।
गुरु चरणन रख गंध इतर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें
प्रति-रुप भगवन्त हैं
सिद्ध स्वयमेव मन्त्र हैं
सन्त चलते फिरते ग्रन्थ हैं
आ देव शास्त्र गुरु पूजन कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें ।।धूपं।।
गुरु चरणन रख फल तर-तर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें
प्रति-रुप भगवन्त हैं
सिद्ध स्वयमेव मन्त्र हैं
सन्त चलते फिरते ग्रन्थ हैं
आ देव शास्त्र गुरु पूजन कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें ।।फलं।।
गुरु चरणन रख द्रव्य, सुमर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें
प्रति-रुप भगवन्त हैं
सिद्ध स्वयमेव मन्त्र हैं
सन्त चलते फिरते ग्रन्थ हैं
आ देव शास्त्र गुरु पूजन कर लें
सातिशय पुण्य झोली भर लें ।।अर्घ्यं।।
=हाईकू=
गुरु जी नख बना
बचे द्रव्य से बना चन्द्रमा
जयमाला
जोड़ने भगवन् से, अपना अटूट नाता
आ मनुआ
‘रे आ मनुआ
गुरु चरणों में रखते हैं, अपना माथा
जोड़ने भगवन् से, अपना अटूट नाता
आ मनुआ
‘रे आ मनुआ
श्रद्धा सुमन समेत
लेकर कोरी स्लेट
थाम अहिंसा केत
गुरु चरणों में रखते हैं, अपना माथा
जोड़ने भगवन् से, अपना अटूट नाता
आ मनुआ
‘रे आ मनुआ
साथ हृदय गद-गद
रुखसत कर नफरत
शिवम् सुन्दरम् सत्
श्रद्धा सुमन समेत
लेकर कोरी स्लेट
थाम अहिंसा केत
गुरु चरणों में रखते हैं, अपना माथा
जोड़ने भगवन् से, अपना अटूट नाता
आ मनुआ
‘रे आ मनुआ
रोमिल पुलकन साथ
बना के श्री फल हाथ
साथ-साथ रख माथ
श्रद्धा सुमन समेत
लेकर कोरी स्लेट
थाम अहिंसा केत
गुरु चरणों में रखते हैं, अपना माथा
जोड़ने भगवन् से, अपना अटूट नाता
आ मनुआ
‘रे आ मनुआ
ललक अनूठी एक
समेत हंस विवेक
खींच गुरु-दास रेख
श्रद्धा सुमन समेत
लेकर कोरी स्लेट
थाम अहिंसा केत
गुरु चरणों में रखते हैं, अपना माथा
जोड़ने भगवन् से, अपना अटूट नाता
आ मनुआ
‘रे आ मनुआ
गुरु चरणों में रखते हैं, अपना माथा
जोड़ने भगवन् से, अपना अटूट नाता
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।
=हाईकू=
दें बना बात,
बात-बात में गुरु जी थाम हाथ
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