- परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक 939
गंगा की धारा का पावन नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गंगा की धारा का पावन नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गुरु नाम छाहरी
घनी बरगदी छाहरी
और दुनिया घाम
घनी बरगदी छाहरी गुरु नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गंगा की धारा का पावन नाम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर ।।स्थापना।।
चढ़ाते ही दृग्-जल
लग चली हाथ मंजिल
गुरु नाम छाहरी
घनी बरगदी छाहरी
और दुनिया घाम
घनी बरगदी छाहरी गुरु नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गंगा की धारा का पावन नाम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर ।।जलं।।
चढ़ाते ही चन्दन
दो टूक हुये बंधन
गुरु नाम छाहरी
घनी बरगदी छाहरी
और दुनिया घाम
घनी बरगदी छाहरी गुरु नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गंगा की धारा का पावन नाम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर ।।चन्दनं।।
चढ़ाते ही अक्षत
हो चली शान्त परणत
गुरु नाम छाहरी
घनी बरगदी छाहरी
और दुनिया घाम
घनी बरगदी छाहरी गुरु नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गंगा की धारा का पावन नाम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर ।।अक्षतं।।
चढ़ाते ही लर-गुल
बँध चले प्रशंसा पुल
गुरु नाम छाहरी
घनी बरगदी छाहरी
और दुनिया घाम
घनी बरगदी छाहरी गुरु नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गंगा की धारा का पावन नाम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर ।।पुष्पं।।
चढ़ाते ही षट्-रस
भर चली दया नस-नस
गुरु नाम छाहरी
घनी बरगदी छाहरी
और दुनिया घाम
घनी बरगदी छाहरी गुरु नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गंगा की धारा का पावन नाम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर ।।नैवेद्यं।।
चढ़ाते ही दीपक
आ चाला हिस्से हक
गुरु नाम छाहरी
घनी बरगदी छाहरी
और दुनिया घाम
घनी बरगदी छाहरी गुरु नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गंगा की धारा का पावन नाम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर ।।दीपं।।
चढ़ाते ही सौरभ
आया छूने में नभ
गुरु नाम छाहरी
घनी बरगदी छाहरी
और दुनिया घाम
घनी बरगदी छाहरी गुरु नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गंगा की धारा का पावन नाम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर ।।धूपं।।
चढ़ाते ही श्री फल
रीझी जागृति पल-पल
गुरु नाम छाहरी
घनी बरगदी छाहरी
और दुनिया घाम
घनी बरगदी छाहरी गुरु नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गंगा की धारा का पावन नाम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर ।।फलं।।
चढ़ाते ही सब कुछ
जागी लौं भक्ति अबुझ
गुरु नाम छाहरी
घनी बरगदी छाहरी
और दुनिया घाम
घनी बरगदी छाहरी गुरु नाम
जपा नाम बन चाला बिगड़ा काम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर
गंगा की धारा का पावन नाम
सन्त शिरोमण विद्या-सागर ।।अर्घ्यं।।
=हाईकू=
‘कि उछरते निशाँ आते
श्री गुरु रास्ते-ऊ जाते
जयमाला
सागर-सागर खारा पानी
विद्या सागर अमरित वाणी
सागर-सागर सुना हलाहल
सागर- सागर हा ! बड़वानल
जब-तब छीन चला जिन्दगानी
सागर-सागर खारा पानी
विद्या सागर अमरित वाणी
सागर-सागर खारा पानी
सागर हितु सकलंक निशाकर
सागर एक नाम मकराकर
याद शेष बस हाथ निशानी
जब-तब छीन चला जिन्दगानी
विद्या सागर अमरित वाणी
सागर-सागर खारा पानी
सागर-सागर भँवर भयानक
सागर-सागर विषधर क्या शक
शुरु होते ही खत्म कहानी
जब-तब छीन चला जिन्दगानी
विद्या सागर अमरित वाणी
सागर-सागर खारा पानी
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।
=हाईकू=
न पहनाते ताबीज
सिखलाते गुरु तमीज
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