- परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक 919
दिल की धक-धक
ये झपकन पलक
हो शाम, या हो सबेरा
नाम लेती रहती है तेरा
श्वासों की सरकन
नाड़ी की फड़कन
ये पलक झपकन
नाम लेती रहती है तेरा
हो शाम, या हो सबेरा
नाम लेती रहती है तेरा ।।स्थापना।।
दृग्-जल चढ़ाऊँ मैं
तुझे रिझाऊँ मैं
है इक तू ही तो मेरा
नाम लेती रहती है तेरा
दिल की धक-धक
ये झपकन पलक
हो शाम, या हो सबेरा
नाम लेती रहती है तेरा ।।जलं।।
फरसी वन्दन ले
आया चन्दन ले
दृग्-जल चढ़ाऊँ मैं
तुझे रिझाऊँ मैं
है इक तू ही तो मेरा
नाम लेती रहती है तेरा
दिल की धक-धक
ये झपकन पलक
हो शाम, या हो सबेरा
नाम लेती रहती है तेरा ।।चन्दनं।।
अपने ही माफिक
लिये धान शालिक
दृग्-जल चढ़ाऊँ मैं
तुझे रिझाऊँ मैं
है इक तू ही तो मेरा
नाम लेती रहती है तेरा
दिल की धक-धक
ये झपकन पलक
हो शाम, या हो सबेरा
नाम लेती रहती है तेरा ।।अक्षतं।।
नन्दन उद्याना
लिये पुष्प नाना
दृग्-जल चढ़ाऊँ मैं
तुझे रिझाऊँ मैं
है इक तू ही तो मेरा
नाम लेती रहती है तेरा
दिल की धक-धक
ये झपकन पलक
हो शाम, या हो सबेरा
नाम लेती रहती है तेरा ।।पुष्पं।।
मिश्रण घृत मिसरी
लाया चरु शबरी
दृग्-जल चढ़ाऊँ मैं
तुझे रिझाऊँ मैं
है इक तू ही तो मेरा
नाम लेती रहती है तेरा
दिल की धक-धक
ये झपकन पलक
हो शाम, या हो सबेरा
नाम लेती रहती है तेरा ।।नैवेद्यं।।
आभा रतनारी
ले घृत दीपाली
दृग्-जल चढ़ाऊँ मैं
तुझे रिझाऊँ मैं
है इक तू ही तो मेरा
नाम लेती रहती है तेरा
दिल की धक-धक
ये झपकन पलक
हो शाम, या हो सबेरा
नाम लेती रहती है तेरा ।।दीपं।।
सुगंध कस्तूरी
ले चन्दन चूरी
दृग्-जल चढ़ाऊँ मैं
तुझे रिझाऊँ मैं
है इक तू ही तो मेरा
नाम लेती रहती है तेरा
दिल की धक-धक
ये झपकन पलक
हो शाम, या हो सबेरा
नाम लेती रहती है तेरा ।।धूपं।।
फल वनी नन्दनी
लिये श्रद्धा धनी
दृग्-जल चढ़ाऊँ मैं
तुझे रिझाऊँ मैं
है इक तू ही तो मेरा
नाम लेती रहती है तेरा
दिल की धक-धक
ये झपकन पलक
हो शाम, या हो सबेरा
नाम लेती रहती है तेरा ।।फलं।।
ले जग से न्यारे
अष्ट द्रव्य सारे
दृग्-जल चढ़ाऊँ मैं
तुझे रिझाऊँ मैं
है इक तू ही तो मेरा
नाम लेती रहती है तेरा
दिल की धक-धक
ये झपकन पलक
हो शाम, या हो सबेरा
नाम लेती रहती है तेरा ।।अर्घ्यं।।
हाईकू
होता वो फिदा
सुन जो गुरु जी को ले इक दफा
जयमाला
आये क्या तुम
मेरे जीवन में
बन-के हमदम
आये क्या तुम
हैं लगे चाँद-चार
मेरे जीवन में
हैं आई बहार
मेरे जीवन में
हैं लगे चाँद-चार
था किये घर अंधकार
मेरे जीवन में
आकर किया बड़ा उपकार
मेरे जीवन में
था किये घर अंधकार
‘के आई रोशनी
मेरे जीवन में
हैं छाई हर खुशी
मेरे जीवन में
‘के आई रोशनी
लो हुये गुम गम
जयतु गुरुवरम्
आये क्या तुम
मेरे जीवन में
बन-के हमदम
आये क्या तुम
झिलमिलाई मुस्कान
लौं जाते जीवन में
फिर-के आई है जान
लौं जाते जीवन में
झिलमिलाई मुस्कान
या किये घर गुमान
मेरे जीवन में
आकर किया बड़ा अहसान
मेरे जीवन में
आकर किया बड़ा अहसान
‘के छाई खुशबू
मेरे जीवन में
दिया दिखाई सुकूँ
मेरे जीवन में
दिया दिखाई सुकूँ
लो हुये गुम सितम
जयतु गुरुवरम्
आये क्या तुम
मेरे जीवन में
बन-के हमदम
आये क्या तुम
हैं लगे चाँद-चार
मेरे जीवन में
हैं आई बहार
मेरे जीवन में
हैं लगे चाँद-चार
था किये घर अंधकार
मेरे जीवन में
आकर किया बड़ा उपकार
मेरे जीवन में
था किये घर अंधकार
‘के आई रोशनी
मेरे जीवन में
हैं छाई हर खुशी
मेरे जीवन में
‘के आई रोशनी
लो हुये गुम गम
जयतु गुरुवरम्
आये क्या तुम
मेरे जीवन में
बन-के हमदम
आये क्या तुम
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।
हाईकू
हमें भी दूजी कक्षा लो पढ़ा
होगा एहसाँ बड़ा
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