- परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक 880
=हाईकू=
ये आँखें दूर तक,
रोज खोजने तुम्हें जातीं थीं ।
तुम न आते थे,
साथ आँसुओं के लौट आतीं थीं ।।
और अपने घर आज तुम्हें,
पा-के भी गीलीं हैं ।
करें जल्दी से भरोसा कैसे,
चिर सपनीलीं हैं ।।स्थापना।।
हमें पनाह तुम्हारी है ।
जल कंचन झारी,
रहे न दुखियारी,
ये तेरी जिम्मेवारी है ।।जलं।।
हमें पनाह तुम्हारी है ।
रज मलयज प्याली,
रहे न दुखियारी,
ये तेरी जिम्मेवारी है ।।चन्दनं।।
हमें पनाह तुम्हारी है ।
थाली धाँ-शाली,
रहे न दुखियारी,
ये तेरी जिम्मेवारी है ।।अक्षतं।।
हमें पनाह तुम्हारी है ।
पुष्प नन्द क्यारी,
रहे न दुखियारी,
ये तेरी जिम्मेवारी है ।।पुष्पं।।
हमें पनाह तुम्हारी है ।
नेवज घृत वाली,
रहे न दुखियारी,
ये तेरी जिम्मेवारी है ।।नैवेद्यं।।
हमें पनाह तुम्हारी है ।
न्यारी दीपाली,
रहे न दुखियारी,
ये तेरी जिम्मेवारी है ।।दीपं।।
हमें पनाह तुम्हारी है ।
सुगंध मनकारी,
रहे न दुखियारी,
ये तेरी जिम्मेवारी है ।।धूपं।।
हमें पनाह तुम्हारी है ।
ऋत-ऋत फल थाली,
रहे न दुखियारी,
ये तेरी जिम्मेवारी है ।।फलं।।
हमें पनाह तुम्हारी है ।
दिव्य द्रव्य सारी,
रहे न दुखियारी,
ये तेरी जिम्मेवारी है ।।अर्घ्यं।।
=हाईकू=
चित् चुराने का मंत्र,
पा विरासत में जाते सन्त
जयमाला
पैंय्या पखारे थारे
सुलटे भाग सितारे म्हारे
बोल चाला मुड़ेर कागा
आसमां बतियाता धागा
लग चली नैय्या किनारे
सुलटे भाग सितारे म्हारे
पैंय्या पखारे थारे
सुलटे भाग सितारे म्हारे
दीप ने लौं पाई जाती
सीप पाई बुंदिया स्वाती
स्वप्न हाथ लग चाले सारे
सुलटे भाग सितारे म्हारे
पैंय्या पखारे थारे
सुलटे भाग सितारे म्हारे
उड़ चली पतंग हमारी
पा गई रंग पिचकारी
टके चुनरिया चँदा-तारे
सुलटे भाग सितारे म्हारे
पैंय्या पखारे थारे
सुलटे भाग सितारे म्हारे
बोल चाला मुड़ेर कागा
आसमां बतियाता धागा
लग चली नैय्या किनारे
सुलटे भाग सितारे म्हारे
पैंय्या पखारे थारे
सुलटे भाग सितारे म्हारे
।।जयमाला पूर्णार्घं ।।
=हाईकू=
‘जि गुरु जी लो बचा,
कर्म इशारों पे रहे नचा
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