- परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक 855
दीदार बिन तेरे
बेकरार नयन मेरे
आँसू बेशुमार
है तुझको रहे बुला
क्यूँ मुझको दिया भुला
अय ! भगवन मेरे
दीदार बिन तेरे
बेकरार नयन मेरे
अय ! भगवन मेरे ।।स्थापना।।
कलश रतनार
गंग जल धार
ये आँसू बेशुमार
है तुझको रहे बुला
क्यूँ मुझको दिया भुला
अय ! भगवन मेरे
दीदार बिन तेरे
बेकरार नयन मेरे
अय ! भगवन मेरे ।।जलं।।
गिर मलय सार
गंध-मय झार
ये आँसू बेशुमार
है तुझको रहे बुला
क्यूँ मुझको दिया भुला
अय ! भगवन मेरे
दीदार बिन तेरे
बेकरार नयन मेरे
अय ! भगवन मेरे ।।चन्दनं।।
अछत धाँ शाल,
मण मोति थाल
ये आँसू बेशुमार
है तुझको रहे बुला
क्यूँ मुझको दिया भुला
अय ! भगवन मेरे
दीदार बिन तेरे
बेकरार नयन मेरे
अय ! भगवन मेरे ।।अक्षतं।।
नन्द गुल माल,
गन्ध मनहार
ये आँसू बेशुमार
है तुझको रहे बुला
क्यूँ मुझको दिया भुला
अय ! भगवन मेरे
दीदार बिन तेरे
बेकरार नयन मेरे
अय ! भगवन मेरे ।।पुष्पं।।
घिरत तत्काल
चरु चारु थाल
ये आँसू बेशुमार
है तुझको रहे बुला
क्यूँ मुझको दिया भुला
अय ! भगवन मेरे
दीदार बिन तेरे
बेकरार नयन मेरे
अय ! भगवन मेरे ।।नैवेद्यं।।
दीपिका माल
अगम्य बयार
ये आँसू बेशुमार
है तुझको रहे बुला
क्यूँ मुझको दिया भुला
अय ! भगवन मेरे
दीदार बिन तेरे
बेकरार नयन मेरे
अय ! भगवन मेरे ।।दीपं।।
ऋत नाम धार
सुगंध अपार
ये आँसू बेशुमार
है तुझको रहे बुला
क्यूँ मुझको दिया भुला
अय ! भगवन मेरे
दीदार बिन तेरे
बेकरार नयन मेरे
अय ! भगवन मेरे ।।धूपं।।
सुगंधित न्यार
रित-फल पिटार
ये आँसू बेशुमार
है तुझको रहे बुला
क्यूँ मुझको दिया भुला
अय ! भगवन मेरे
दीदार बिन तेरे
बेकरार नयन मेरे
अय ! भगवन मेरे ।।फलं।।
दिव्य दृग्-हार
द्रव्य जुग चार
ये आँसू बेशुमार
है तुझको रहे बुला
क्यूँ मुझको दिया भुला
अय ! भगवन मेरे
दीदार बिन तेरे
बेकरार नयन मेरे
अय ! भगवन मेरे ।।अर्घ्यं।।
=हाईकू=
मुफ्त बाँटने में खुश्बू,
रहें आगे फूलों से गुरु
जयमाला
मुझे थाम लो
थमा मुकाम दो
मुझ शबरी राम ओ !
मुझे थाम लो
मैं हूँ नादाँ बड़ा
बनना मुझे घड़ा
मुझ मीरा श्याम ओ !
थमा मुकाम दो
मुझे थाम लो
थमा मुकाम दो
मुझ शबरी राम ओ !
मुझे थाम लो
भोला-भाला हूँ मैं
बनना बाँसुरी हमें
मुझ मीरा श्याम ओ !
थमा मुकाम दो
मुझे थाम लो
थमा मुकाम दो
मुझ शबरी राम ओ !
मुझे थाम लो
सीधा साधा-सा मै
बनना शीशे सा हमें
मुझ मीरा श्याम ओ !
थमा मुकाम दो
मुझे थाम लो
थमा मुकाम दो
मुझ शबरी राम ओ !
मुझे थाम लो
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।
=हाईकू=
ले चालो गुरु जी वहाँ,
छाया चेनो-अमन जहाँ
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