- परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक 830
नन्द श्री-मन्त
शिरोमणी सन्त
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन ।।स्थापना।।
हेत सम-दरश
भेंट जल कलश
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन
नन्द श्री-मन्त
शिरोमणी सन्त
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन ।।जलं।।
हेत स्रज विनय
भेंट रज मलय
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन
नन्द श्री-मन्त
शिरोमणी सन्त
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन ।।चन्दनं।।
हेत ध्याँ सुरत
भेंट धाँ अछत
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन
नन्द श्री-मन्त
शिरोमणी सन्त
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन ।।अक्षतं।।
हेत पल हरस
भेंट दल सहस
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन
नन्द श्री-मन्त
शिरोमणी सन्त
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन ।।पुष्पं।।
हेत जश विमल
भेंट रस-सकल
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन
नन्द श्री-मन्त
शिरोमणी सन्त
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन ।।नैवेद्यं।।
हेत औ’ समझ
भेंट लौं अबुझ
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन
नन्द श्री-मन्त
शिरोमणी सन्त
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन ।।दीपं।।
हेत घर अधर
भेंट अर अगर
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन
नन्द श्री-मन्त
शिरोमणी सन्त
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन ।।धूपं।।
हेत कल धवल
भेंट फल नवल
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन
नन्द श्री-मन्त
शिरोमणी सन्त
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन ।।फलं।।
हेत शिव सुरग
भेंट दिव अरघ
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन
नन्द श्री-मन्त
शिरोमणी सन्त
साथ श्रद्धा सुमन
सिन्ध-विद्या नमन ।।अर्घ्यं।।
=हाईकू=
‘कर’ सितम-गर भी छुये खुश्बू
चन्दन गुरु
जयमाला
गाँव हमारे आज
पधारे गुरु महाराज
आओ आओ आओ ‘रे
मिल के ढ़ोल बजाओ ‘रे
एक अलग ही ले करके अंदाज
मिल के ढ़ोल बजाओ ‘रे
आओ आओ आओ ‘रे
गाँव हमारे आज
पधारे गुरु महाराज
चौक पुराओ ‘रे
खुशिंयाँ मनाओ ‘रे
आओ आओ आओ ‘रे
मिल के धूम मचाओ रे !
एक अलग ही ले करके अंदाज
मिल के ढ़ोल बजाओ ‘रे
आओ आओ आओ ‘रे
गाँव हमारे आज
पधारे गुरु महाराज
फुल बरसाओ ‘रे
खुशिंयाँ मनाओ ‘रे
आओ आओ आओ ‘रे
मिल के नाचो-गाओ ‘रे
एक अलग ही ले करके अंदाज
मिल के ढ़ोल बजाओ ‘रे
आओ आओ आओ ‘रे
गाँव हमारे आज
पधारे गुरु महाराज
दीप सजाओ ‘रे
खुशिंयाँ मनाओ ‘रे
आओ आओ आओ ‘रे
मिल के रंग जमाओ ‘रे
एक अलग ही ले करके अंदाज
मिल के ढ़ोल बजाओ ‘रे
आओ आओ आओ ‘रे
गाँव हमारे आज
पधारे गुरु महाराज
आओ आओ आओ ‘रे
मिल के ढ़ोल बजाओ ‘रे
एक अलग ही ले करके अंदाज
मिल के ढ़ोल बजाओ ‘रे
आओ आओ आओ ‘रे
गाँव हमारे आज
पधारे गुरु महाराज
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।
=हाईकू=
पाता रहूँ,
यूँ ही आप मुस्कान,
दे दो वरदान
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