- परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक 819
दिव गठबंधन
कल शिव स्यन्दन
पुरु लघु नन्दन
सद्-गुरु वन्दन
शत-शत वारा
जय जय कारा, जय जय कारा ।।स्थापना।।
क्षीरी सागर
पीरी गागर
छोडूँ धारा
सद्-गुरु चरणन
सद्-गुरु वन्दन
शत-शत वारा
जय जय कारा, जय जय कारा ।।जलं।।
नन्द मँगाकर
चन्दन गागर
छोडूँ धारा
सद्-गुरु चरणन
सद्-गुरु वन्दन
शत-शत वारा
जय जय कारा, जय जय कारा ।।चन्दनं।।
अक्षत पातर
भेंटूँ सादर
हित संथारा
सद्-गुरु चरणन
सद्-गुरु वन्दन
शत-शत वारा
जय जय कारा, जय जय कारा ।।अक्षतं।।
फुल फुलवा सर
भेंटूँ सादर
हित अविकारा
वच माया मन
सद्-गुरु वन्दन
शत-शत वारा
जय जय कारा, जय जय कारा ।।पुष्पं।।
चरु मनवा हर
भेंटूँ सादर
हित उस पारा
भव-जर-मरणन
सद्-गुरु वन्दन
शत-शत वारा
जय जय कारा, जय जय कारा ।।नैवेद्यं।।
दीप जगाकर
भेंटूँ सादर
हित श्रुत धारा
‘ही’ हन ‘भी’ धन
सद्-गुरु वन्दन
शत-शत वारा
जय जय कारा, जय जय कारा ।।दीपं।।
सुगंध लाकर
भेंटूँ सादर
हित उजियारा
शासन माहन
सद्-गुरु वन्दन
शत-शत वारा
जय जय कारा, जय जय कारा ।।धूपं।।
फल दिव भा-धर
भेंटूँ सादर
हित वर न्यारा
शिशु वसु प्रवचन
सद्-गुरु वन्दन
शत-शत वारा
जय जय कारा, जय जय कारा ।।फलं।।
अर्घ सजाकर
भेंटूँ सादर
हेत विहारा
शत दल कमलन
सद्-गुरु वन्दन
शत-शत वारा
जय जय कारा, जय जय कारा ।।अर्घ्यं।।
=हाईकू=
जिनकी गुरु जी से लौं लागी,
‘सच्ची’
वो बड़भागी
जयमाला
हो गया धन-धन
छू-के आपके चरण
इस नगर का कण-कण,
हो गया चन्दन
छू-के आपके चरण
हो गया धन-धन
इस नगर का कण-कण,
हो गया चन्दन
छू-के आपके चरण
ये वो चरण हैं
कलि वैतरण तरण हैं
जो अकारण शरण हैं
किरण मिथ्या-तम हरण हैं
ये वो चरण हैं
जो अकारण शरण हैं
हो गया धन-धन
इस नगर का कण-कण,
हो गया चन्दन
छू-के आपके चरण
हो गया धन-धन
छू-के आपके चरण
इस नगर का कण-कण,
हो गया चन्दन
छू-के आपके चरण
हो गया धन-धन
इस नगर का कण-कण,
हो गया चन्दन
छू-के आपके चरण
ये वो चरण हैं
आदर्श आचरण हैं
जो क्षमा अवतरण हैं
ये सिर्फ चरण नहीं, दया निर्झरण हैं
ये वो चरण हैं
जो क्षमा अवतरण हैं
हो गया धन-धन
इस नगर का कण-कण,
हो गया चन्दन
छू-के आपके चरण
हो गया धन-धन
छू-के आपके चरण
इस नगर का कण-कण,
हो गया चन्दन
छू-के आपके चरण
हो गया धन-धन
इस नगर का कण-कण,
हो गया चन्दन
छू-के आपके चरण
ये वो चरण हैं
दवानल भव अरण हैं
जो सुमरण आभरण हैं
दुख-हरण, मंगल-करण हैं
ये वो चरण हैं
जो सुमरण आभरण हैं
हो गया धन-धन
इस नगर का कण-कण,
हो गया चन्दन
छू-के आपके चरण
हो गया धन-धन
छू-के आपके चरण
इस नगर का कण-कण,
हो गया चन्दन
छू-के आपके चरण
हो गया धन-धन
इस नगर का कण-कण,
हो गया चन्दन
छू-के आपके चरण
।।जयमाला पूर्णार्घं।।
=हाईकू=
अपने-सा ही, दो भाग्य मेरा लिख,
ए ! जित अख
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