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आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 791

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 791

कब अपने से जुदा माना है
मैंने तुझे अपना खुदा माना है
तेरे सिवा,
कोई और मेरा अपना है भी तो नहीं
तुझे पाने के सिवा,
कोई और मेरा सपना है भी तो नहीं
है तू ही मेरी जिन्दगी,
हर खुशी है तू ही ।।स्थापना।।

बनी आँखें गंगा जमुना,
बना लो तुम, मुझको अपना,
धार छोडूँ जल घट कंचन,
कृपा करके कृपया भगवन्,
बना लो तुम, मुझको अपना,
कोई और मेरा सपना,
है भी तो नहीं
है तू ही मेरी जिन्दगी,
हर खुशी है तू ही ।।जलं।।

बनी आँखें गंगा जमुना,
बना लो तुम, मुझको अपना,
धार छोडूँ चन्दन चरणन,
कृपा करके कृपया भगवन्,
बना लो तुम, मुझको अपना,
कोई और मेरा सपना,
है भी तो नहीं
है तू ही मेरी जिन्दगी,
हर खुशी है तू ही ।।चन्दनं।।

बनी आँखें गंगा जमुना,
बना लो तुम, मुझको अपना,
धान भेंटू अक्षत कण-कण,
कृपा करके कृपया भगवन्,
बना लो तुम, मुझको अपना,
कोई और मेरा सपना,
है भी तो नहीं
है तू ही मेरी जिन्दगी,
हर खुशी है तू ही ।।अक्षतं।।

बनी आँखें गंगा जमुना,
बना लो तुम, मुझको अपना,
पुष्प भेंटूँ उपवन नन्दन,
कृपा करके कृपया भगवन्,
बना लो तुम, मुझको अपना,
कोई और मेरा सपना,
है भी तो नहीं
है तू ही मेरी जिन्दगी,
हर खुशी है तू ही ।।पुष्पं।।

बनी आँखें गंगा जमुना,
बना लो तुम, मुझको अपना,
थाल भेंटूँ षट्-रस व्यंजन,
कृपा करके कृपया भगवन्,
बना लो तुम, मुझको अपना,
कोई और मेरा सपना,
है भी तो नहीं
है तू ही मेरी जिन्दगी,
हर खुशी है तू ही ।।नैवेद्यं।।

बनी आँखें गंगा जमुना,
बना लो तुम, मुझको अपना,
दीप भेंटूँ लौं अगम पवन,
कृपा करके कृपया भगवन्,
बना लो तुम, मुझको अपना,
कोई और मेरा सपना,
है भी तो नहीं
है तू ही मेरी जिन्दगी,
हर खुशी है तू ही ।।दीपं।।

बनी आँखें गंगा जमुना,
बना लो तुम, मुझको अपना,
चूर भेंटूँ मनहर चन्दन,
कृपा करके कृपया भगवन्,
बना लो तुम, मुझको अपना,
कोई और मेरा सपना,
है भी तो नहीं
है तू ही मेरी जिन्दगी,
हर खुशी है तू ही ।।धूपं।।

बनी आँखें गंगा जमुना,
बना लो तुम, मुझको अपना,
झाल भेंटूँ श्रीफल दक्षिण,
कृपा करके कृपया भगवन्,
बना लो तुम, मुझको अपना,
कोई और मेरा सपना,
है भी तो नहीं
है तू ही मेरी जिन्दगी,
हर खुशी है तू ही ।।फलं।।

बनी आँखें गंगा जमुना,
बना लो तुम, मुझको अपना,
अर्घ भेंटूँ परात-मण धन,
कृपा करके कृपया भगवन्,
बना लो तुम, मुझको अपना,
कोई और मेरा सपना,
है भी तो नहीं
है तू ही मेरी जिन्दगी,
हर खुशी है तू ही ।।अर्घ्यं।।

हाईकू
उडेलें स्याही गुरुदेवा,
बनें तो ‘शान्ति परेबा’

जयमाला
ना जीना हमें गवारा,
बिन तेरे कौन हमारा,
तेरा ही एक सहारा,
बिन तेरे कौन हमारा,
ना ‘जी ना,
ना जीना हमें गवारा,
बिन तेरे कौन हमारा,

माटी था,
तूने ही तो मटकी बना,
जीवन ये मेरा सवारा,
ना ‘जी ना,
ना जीना हमें गवारा,
बिन तेरे कौन हमारा,

ना जीना हमें गवारा,
बिन तेरे कौन हमारा,
तेरा ही एक सहारा,
बिन तेरे कौन हमारा,
ना ‘जी ना,
ना जीना हमें गवारा,
बिन तेरे कौन हमारा,

मैं बांस था,
तूने ही तो बाँसुरी बना,
चमकाया भाग सितारा,
ना ‘जी ना,
ना जीना हमें गवारा,
बिन तेरे कौन हमारा,

ना जीना हमें गवारा,
बिन तेरे कौन हमारा,
तेरा ही एक सहारा,
बिन तेरे कौन हमारा,
ना ‘जी ना,
ना जीना हमें गवारा,
बिन तेरे कौन हमारा,

मैं कांच था,
तूने ही तो बना आईना,
नजर किया जहान सारा
ना ‘जी ना,
ना जीना हमें गवारा,
बिन तेरे कौन हमारा,

ना जीना हमें गवारा,
बिन तेरे कौन हमारा,
तेरा ही एक सहारा,
बिन तेरे कौन हमारा,
ना ‘जी ना,
ना जीना हमें गवारा,
बिन तेरे कौन हमारा,
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।

हाईकू
हो सीधी,
टेढ़ी डगर,
पाते ही गुरु-नजर

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