loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 726

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 726

=हाईकू=
हैं बिलकुल माफिक माँ,
गुरु दें न बददुआ ।।स्थापना।।

आ जिया वसो,
लाये जल चरणों में निवसा लो ।।जलं।।

गंध भिटाऊँ,
तेरे चरणों में यूँ ही रहा आऊँ ।।चन्दनं।।

तेरे चरणों में मिले शरणा,
‘ले आश’ लाये धाँ ।।अक्षतं।।

लाये सुमन खिले,
तेरी चरण-शरण मिले ।।पुष्पं।।

भेंटूँ भोग,
‘कि जुड़े तोर चरण शरण जोग ।।नैवेद्यं।।

तेरी चरण-शरण हो हमारी,
भेंटूँ दीवाली ।।दीपं।।

तेरी चरण शरण पाने,
लाये धूप चढ़ाने ।।धूपं।।

मिले चरण-शरण तेरी,
लाये श्री फल ढ़ेरी ।।फलं।।

तेरी चरन शरण ‘कि पा पाऊँ,
अर्घ चढ़ाऊँ ।।अर्घ्यं।।

=हाईकू=
गुरु,
तरु से होते,
स्वयं के लिये कभी न रोते

।। जयमाला।।

कर मल पाटल श्रृंगार चले ।
मुनि व्याहन शिवपुर नार चले ।।

सिर काँधे भार उतार चले ।
हाथों से केश उखाड़ चले ।।
वन छोड़ छार घर-बार चले ।
मुनि ब्याहन शिवपुर नार चले ।।१।।

गुणधन करने दृग् चार चले ।
अवगुण करने यम द्वार चले ।।
करने जागृति गलहार चले ।
मुनि ब्याहन शिवपुर नार चले ।।२।।

नासा दृष्टी अविकार चले ।
कर वस्तु स्वरूप विचार चले ।।
पाने निज निधि उस पार चले ।
मुनि ब्याहन शिवपुर नार चले ।।३।।

करने निज पर उद्धार चले ।
बहने सहजो विधि-धार चले ।।
हित सौख्य ‘निराकुल’ न्यार चले ।
मुनि ब्याहन शिवपुर नार चले ।।४।।

।। जयमाला पूर्णार्घं ।।

=हाईकू=
दें सुकून,
’जि हाथों में बच्चों-के, 
न दें गुरु ऊन

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point