loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 575

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 575

=हाईकू=

नजर उठा के,
‘चित् चुरा लें’
गुरु जी मुस्कुरा के ।।स्थापना।।

दृग् और जल धार,
महिमा गुरु द्वार, अपार ।।जलं।।

कांधे ‘सर-का’ भार,
महिमा गुरु द्वार, अपार ।।चन्दनं।।

भौ ताप नौ दो ग्यार,
महिमा गुरु द्वार, अपार ।।अक्षतं।।

तृष्णा चित् खाने चार,
महिमा गुरु द्वार, अपार ।।पुष्पं।।

गिर क्षुध् छार-छार,
महिमा गुरु द्वार, अपार ।।नैवेद्यं।।

हाथ माँ श्रुत सार,
महिमा गुरु द्वार, अपार ।।दीपं।।

शत्रु कर्मन हार,
महिमा गुरु द्वार, अपार ।।धूपं।।

नौ भुक्ति-मुक्ति पार,
महिमा गुरु द्वार, अपार ।।फलं।।

हाथ पदवी न्यार,
महिमा गुरु द्वार, अपार ।।अर्घ्यं।।

=हाईकू=
आ सुलझा लें ‘उलझनें’,
दे गुरु दो धड़कनें

।। जयमाला।।

मेरी ये निगाहें
थी तेरी देखती राहें
पलकें बिछाकर
गुरुवर
अय ! मेरे गुरुवर
जो तुम आ गये घर

नाचीज
क्या अजीज
हम चीज पा गये हर
जो तुम आ गये घर
मेरे गुरुवर
अय ! मेरे गुरुवर
जो तुम आ गये घर

मुर्झाये गुल फिर से खिल गये
सुर मीठे बुल-बुल को मिल गये
खुशिंयों के आँसुओं से नयना गये भर
जो तुम आ गये घर

मेरी ये निगाहें
थी तेरी देखती राहें
पलकें बिछाकर
गुरुवर
अय ! मेरे गुरुवर
जो तुम आ गये घर

पाये जिन्दगी ने रस्ते नये
दरख्तों में पाये पत्ते नये
मुर्झाये गुल फिर से खिल गये
सुर मीठे बुल-बुल को मिल गये
खुशिंयों के आँसुओं से नयना गये भर
जो तुम आ गये घर

मेरी ये निगाहें
थी तेरी देखती राहें
पलकें बिछाकर
गुरुवर
अय ! मेरे गुरुवर
जो तुम आ गये घर

नाचीज
क्या अजीज
हम चीज पा गये हर
जो तुम आ गये घर
मेरे गुरुवर
अय ! मेरे गुरुवर 
जो तुम आ गये घर
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।

=हाईकू=
आऊँ मन से, तेरे पास रोज ही,
क्या दिखूँ कभी

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point