परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक 411=हाईकू=
मुझे कुछ भी हुआ,
करते मिले गुरु जी दुआ ।।स्थापना।।जरा लो देख तो इसे,
लाया नीर सिन्धु क्षीर से ।।जलं।।जरा लो देख तो इसे,
लाया गंध मैं मलय से ।।चन्दनं।।जरा लो देख तो इसे,
लाया शाली धाँ दक्षिण से ।।अक्षतं।।जरा लो देख तो इसे,
लाया पुष्प वन-स्वर्ग से ।।पुष्पं।।जरा लो देख तो इसे,
लाया चरु बना घृत से ।।नैवेद्यं।।जरा लो देख तो इसे,
लाया दीप भर गो-घी से ।।दीपं।।जरा लो देख तो इसे,
लाया धूप घिस हाथ से ।।धूपं।।जरा लो देख तो इसे,
लाया फल बड़ी दूर से ।।फलं।।जरा लो देख तो इसे,
लाया अर्घ मनमर्जी से ।।अर्घ्यं।।=हाईकू=
कम ही पोथी,
‘पढ़ना पड़े’
गुरु को पाने बोधी।। जयमाला ।।
हर बलाएँ हर लेता है ।
दुवाएँ नजर कर देता है ।।
क्या रब से तेरा, कोई रिश्ता है ।
दे बता भी जरा, क्या तू फरिश्ता है ।।किसकी नहीं है फिकर तुझको ।
है हर किसी की तो खबर तुझको ।।
रस्ते-नजर तू, दिल में जाता धसता है ।
दे बता भी जरा, क्या तू फरिश्ता है ।।मीठा सा गान कोयलियों को ।
रंगो-उड़ान तितलियों को ।।
दी तुमने ही तो,
जि गुरु जी ओ !
मन्द मन्द मुस्कान कलियों को ।।गुल को खुशबू ।
बुलबुल को गुफ्तगू ।।
दी तुमने ही तो
‘जि गुरु जी ओ !
गुरुकुल को सुकूँ ।।किसकी नहीं है फिकर तुझको
है हर किसी की तो खबर तुझको
रस्ते-नजर तू, दिल में जाता धसता है
दे बता भी जरा, क्या तू फरिश्ता हैहर बलाएँ हर लेता है ।
दुवाएँ नजर कर देता है ।
क्या रब से तेरा, कोई रिश्ता है ।
दे बता भी जरा, क्या तू फरिश्ता है ।।।जयमाला पूर्णार्घं।।
=हाईकू=
मेरे राम ओ !
धूली-पाँवन कर मेरे नाम दो
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