loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 364

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 364

हाईकू

थामी क्या गुरु जी ने छिगरी,
बनी माटी गगरी ।।स्थापना।।

भेंटूँ जल ये गुरुराई,
संस्पर्शूं ‘कि गहराई ।।जलं।।

भेंटूँ चन्दन गुरुराई,
संस्पर्शूं ‘द्यु’ ठुकराई ।।चन्दनं।।

भेंटूँ ‘शाली- धाँ’ गुरुराई,
संस्पर्शूं ध्याँ सुखदाई ।।अक्षतं।।

भेंटूँ पुष्प ये गुरुराई,
संस्पर्शूं सुख संस्थाई ।।पुष्पं।।

भेंटूँ नैवेद्य गुरुराई,
संस्पर्शूं ‘दया तराई’ ।।नैवेद्यं।।

भेंटूँ दीप ये गुरुराई,
संस्पर्शूं ‘भी’ तुम घाँई ।।दीपं।।

भेंटूँ धूप ये गुरुराई,
संस्पर्शूं कारा रिहाई ।।धूपं।।

भेंटूँ फल ये गुरुराई,
संस्पर्शूं भक्ति रँगाई ।।फलं।।

भेंटूँ अर्घ ये गुरुराई,
संस्पर्शूं अक्षर स्याही ।।अर्घ्यं।।

हाईकू

गुरु देशना-पा,
अपना…
संक्लेश ने रास्ता नापा

जयमाला

निहारो कभी
हमारा घर भी
लगा मन्दिर से ही
हमारा घर भी

कितनी हो रही सर्दी
हद कोहरे ने कर दी
न जाओ दूर कहीं ।
आ पड़ग जाओ यहीं,
लगा मन्दिर से ही
हमारा घर भी
निहारो कभी
हमारा घर भी
लगा मन्दिर से ही
हमारा घर भी

कितनी हो रही बरसा ।
ढाया ही जा रहा कहर सा ।।
न जाओ दूर कहीं ।
आ पड़ग जाओ यहीं,
लगा मन्दिर से ही
हमारा घर भी
निहारो कभी
हमारा घर भी
लगा मन्दिर से ही
हमारा घर भी

कितनी हो रही गर्मी ।
लू आई खो कहीं नर्मी ।।
न जाओ दूर कहीं ।
आ पड़ग जाओ यहीं,
लगा मन्दिर से ही
हमारा घर भी
निहारो कभी
हमारा घर भी
लगा मन्दिर से ही
हमारा घर भी
।।जयमाला पूर्णार्घं।।

हाईकू

रख लो बना,
‘अपना ‘ दास
अर न अरदास

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point