loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 349

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 349

-हाईकू-
मिले उनको आहार,
मेरी भी लो सुन पुकार ।।स्थापना।।

भेंटूँ उदक,
यूँ ही रोजाना पाने तेरी झलक ।।जलं।।

भेंटूँ चन्दन,
यूँ ही रोजाना पाने तेरा वन्दन ।।चन्दनं।।

भेंटूँ सु-धान,
यूँ ही रोजाना पाने तेरी मुस्कान ।।अक्षतं।।

भेंटूँ फुलवा,
यूँ ही रोजाना पाने तेरी किरपा ।।पुष्पं।।

भेंटूँ व्यंजन,
यूँ ही रोजाना पाने तेरे-दर्शन ।।नैवेद्यं।।

भेंटूँ दीपिका,
यूँ ही रोजाना पाने तेरी आशिका ।।दीपं।।

भेंटूँ अगर,
यूँ ही रोजाना पाने तेरी नजर ।।धूपं।।

भेंटूँ श्रीफल,
यूँ ही रोजाना पाने तेरे-दो पल ।।फलं।।

भेंटूँ अशेष,
यूँ ही रोजाना पाने तेरा सन्देश ।। अर्घ्यं।।

-हाईकू-
ले अँगूठा लो कागज कोरे,
होते गुरु ‘जी’ गो ‘रे

।। जयमाला।।

आशीषी छाँव की खातिर
आ रहे बड़ी दूर से चलकर
कृपा कर भी तो दो गुरुवर
आप धूलि पाँव की खातिर ।
आशीषी छाँव की खातिर ।
आ रहे बड़ी दूर से चलकर
कृपा कर भी तो दो गुरुवर

कर निहाल दो,
नजर बस, एक डाल दो ।
होगा अहसान बड़ा हम पर ।
कृपा कर भी तो दो गुरुवर
आप धूलि पाँव की खातिर ।
आशीषी छाँव की खातिर ।
आ रहे बड़ी दूर से चलकर
कृपा कर भी तो दो गुरुवर

कर निहाल दो,
हो कैसे ? बस, पूछ हाल लो ।
होगा अहसान बड़ा हम पर ।
कृपा कर भी तो दो गुरुवर
आप धूलि पाँव की खातिर ।
आशीषी छाँव की खातिर ।
आ रहे बड़ी दूर से चलकर
कृपा कर भी तो दो गुरुवर

कर निहाल दो
चरणों में बस, अपने बिठाल लो
होगा अहसान बड़ा हम पर ।
कृपा कर भी तो दो गुरुवर
आप धूलि पाँव की खातिर ।
आशीषी छाँव की खातिर।
आ रहे बड़ी दूर से चलकर
कृपा कर भी तो दो गुरुवर
।।जयमाला पूर्णार्घं।।

-हाईकू –
हो किनका न शान्त मन,
छू गुरु जी के चरण

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point