पंचबालयति आरती
ढ़ोल बजाओ
धूम मचाओ
पंचबालयत आरती
उतारो आओ
थाल सजाओ
ज्योत जगाओ
पंचबालयत आरती
उतारो आओ
सम्यक् दर्शन आरति पहली ।
दिखी आतमा उजली-उजली ।।
भीतर आओ
तुम भी तर आओ
पंचबालयत आरती
उतारो आओ
सम्यक् ज्ञान आरती दूजी ।
हाथ विवेक नीर-पय पूँजी ।।
झुकते जाओ
मात मनाओ
पंचबालयत आरती
उतारो आओ
सम्यक् चारित्र आरती तीजी ।
देख पीर पर अँखिया भींजी ।।
कदम बढ़ाओ
मंजिल पाओ
पंचबालयत आरती
उतारो आओ
ढ़ोल बजाओ
धूम मचाओ
पंचबालयत आरती
उतारो आओ
थाल सजाओ
ज्योत जगाओ
पंचबालयत आरती
उतारो आओ
Sharing is caring!