सवाल
आचार्य भगवन् !
मल्लप्पा जी ने तो आपके लिए बहुत डॉंटा था,
सुनते है,
जब साइकल,
हाथ छोड़ के चलाते हुये देखा था,
तब घर आकर, आपके लिए बहुत डॉंटा था,
लेकिन भगवन् !
बताईये क्या गुरुजी ने भी आपको,
कभी डाटा, ‘दिया’ जो बना मोक्ष-मार्ग ?
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
एक बार
आचार्य श्री ज्ञान-सागर जी महाराज के,
प्रवचन सुन
चुुन सार-सार
था बनाया एक हाई…क्यू
यानि ‘कि हाई क्वॉलिटी
‘के
डॉट के बिना
शिष्य और शीशी का
भविष्य ही क्या
मुख से डाँटना तो बहुत दूर,
कभी कभार ही डाँटते होंगे गुरुदेव
शिष्य उनकी आँखों से डरता है
यही डर तो उसमें सिद्धत्व के संस्कार भरता है
इसी प्रश्न में एक प्रश्न और बनता है,
शायद ही आपको पता हो
जो बना, जितना बना,
क्यों कह रहे हैं
सारा का साम ‘डाटा’
उन्हीं का दिया तो है
मुझे ठीक-ठीक संस्कृत क्या
हिन्दी भी अच्छी से नहीं आती थी
और पंचम कालीन मति,
जो ‘कि खुरापाती थी
सब गुरु प्रसाद
वे सदैव मेरे सिर पर,
रक्खे रहें अपने दोनों-हाथ
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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