सवाल
आचार्य भगवन् !
कहीं भी आप,
नये पत्थर के मंदिर बनाने के लिये,
आशीर्वाद दे देते हैं
यद्यपि आप यह जानते हैं,
‘कि पत्थर के मंदिर में वैसा पैसा बहाना पड़ता है जैसे ईंट-गारे के मंदिर मे पानी
भगवन् !
पैसे कहाँ से आयेंगे,
क्या यह विकल्प नहीं उठता,
आपके मन में
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
सुनो,
पैसा
पय…सा
मतलब दूध जैसा
ऐसा का ऐसा
न रह सकने वाला हमेशा
फ्रिज में
‘भले रक्खो’
गरमागरम प्रिज्म में
उपाय सिर्फ एक,
वह गाय सेविका,
माई कृष्ण कनाहीं जशोदा देख
घट
न्यार पाई, बाँध चार पाई
नटखट
झटपट रही निकाल घृत
करके अग्नि संस्कृत
सच संस्कृति भारत
प्रतिभा…रत
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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