सवाल
आचार्य भगवन् !
दिलों की चोरी,
आपने किस मदरसे में जाकर सीखी ?
आज दुनिया में ऐसा कोई नहीं,
जो सिर्फ देखते ही, जी चुरा ले
हाँ…
काम से जी चुराने वाले मुलक मिलेंगे
मुल्क-मुल्क में मिलेंगे,
लेकिन आप अकेले एक ऐसे शख्स हैं,
जो आँखों से ही बहुत कुछ कह देते हैं
जिससे आपने दो बातें क्या कर लीं,
वह तो जिन्दगी भर,
इन लम्हों को सहेजकर रखता है
सो ये, जादू टोना सा जो आप,
हम भक्तों के ऊपर कर देते हैं
वह किसकी कृपा-दृष्टि है
कृपया बताए ?
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
हुनर चित्-चोरी विलसे
जितना-जितना ‘मद-रिसे’
देखो भँवरे मँडराने लगे
राग गुन-गुन सुनाने लगे
फिर निर्मद का क्या कहना
न सिर्फ भाई बहना
सम शरणा
आ बैठे जात वैैर छोड़कर अपना
सिंह हिरणा
अहि गरुणा
हाथ जोड़कर
माथ मोड़कर
तरफ भूम
मासूम
नमो नमः माँ जूम्
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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