सवाल
आचार्य भगवन् !
आपको देखते ही सुध-बुध सी क्यों भूल जाते हैं,
घर से जो सोचकर आते हैं
‘कि ये रहेंगे, वो पूछेंगे, और यहाँ आपकी सहजो-शान्त छवि को देखकर लगता है,
बस और बस
टकटकी लगा कर देखते ही रहो
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
देखो
प्रशन में शंका का ‘श’
प्रसन में समाधान का ‘स’
तो जब हम गुरुओं के समीप आते हैं
अपना सिर झुकाते हैं
उनके चेहरे से टक-टकी लगाते हैं
तो उनकी प्रसन्न मुद्रा को देखते ही
समाधान खुदबखुद मिल जाते हैं
और…
शंका नाईन के बाद
टेन ‘सन-का’ कारण
और उठाता शंका
दिमाग सनका
सनक
तनक भी न अच्छी
‘बच्ची’
मनका राम…नाम
आ सुमरते
आठ…याम
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
Sharing is caring!