सवाल
आचार्य भगवन् !
आने वाले वेगों के समय,
पल पलक ठहरने के लिये
क्यों कहते हैं आप,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
तू पल पलक तो रुक
यह पीछे पड़ा जो दुख
वह जायेगा निकल आगे
काम अपने,
अपने साथ सभी के लागे,
यहाँ है किसके लिए फुर्सत
कोई करके आदाब
या थोड़ा बहुत दाब
लेगा ही लेगा रुखसत
पता हैं…
माँ पाखी यदि जोर लगाएँ,
तो अण्डे निकलते ही निकलते टूट जाएँ
जाने किस मदरसे में जाकर के सीखी,
सहजता की परिभाषा
भूल चूक,
टूट-फूट से दूर दूर तक नहीं उनका नाता
समय से पहले,
काम करने की आकुलता ही नहीं हैं उन्हें
क्यों ?
क्योंकि, भली भाँति जानतीं हैं
हूँ नहीं किसी का कर्त्ता मैं
हूँ ज्ञाता मैं, हूँ दृष्टा मैं
मालिक वो
मैं तो माँ लिख लूँ
‘के बस इतना हो
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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