सवाल आचार्य भगवन् ! नदी बेसुध होकर खारे सागर से मिलने बेकरार क्यों रहती है नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब… लाजवाब स… मन्दर कोई सत्य-शिव-सुन्दर तो समन्दर जो बिना अन्तर अपना अन्तर् लौटी नहीं, ‘कि लौटा-लौटा लहर करता रहता साफ तभी छोड़-छाड़ काम सभी दौड़ भाग बिन बुलाई आई आप-आप ‘न…दिया’ तले न अन्धेरा वह ज्ञान गंगा ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा ओम् नमः ओम् नमः