सवाल आचार्य भगवन् ! सास की सेवा करने की, उससे बना के रखने की, क्यूॅं कहते हैं आप नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब… लाजवाब ऐसी वैसी नहीं साँस सास सास ‘Kye’ एक से बढ़ के एक स्कूल ‘शासकी’ दबा पाँव दबे पाँव, दबा लिया करो हर रोज ज्यादा कुछ न बढ़ाने की कह रहा ‘सर’ बोझ बस आखर ढ़ाई थोड़ी भी पुण्य कमाई ढ़ेर ‘रे मत कर देर ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा ओम् नमः ओम् नमः