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जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -288

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
आप कहते हैं
तीसरी,
भीतरी भीतरी
हो तो शब्द सब, ‘द’ यानि ‘कि देने वाले हैं
तो बतलाइये क्या शब्द तबायफ भी
कुछ कहता है
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
हाँ… बहुुत कुछ कहता है,
सच,
अल्फाज,
छुपाये रहते हैं, बहुत कुछ राज
पलटी खिलाइये त…वा…य…फ
फ…य…वा…त
यानि ‘कि फायनली वात
वो हवा जो,
खेल… खेल,
ले चाले धकेल
बादल कामुकता के
काम धिक्…ता के
मादकता के,
मद अधिकता के
सिर्फ जहाँ जल,
‘के बरस लो
बरस लौं
बरस लो
यहाँ …
वहाँ,
वसन धरा
शस्य श्यामला वसुन्धरा
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

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