सवाल
आचार्य भगवन् !
क्या आती जाती श्वासों को देखना ही ध्यान है
या कुछ और भी ध्यान रखना है
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
आती जाती श्वास को देखना
ध्यान नहीं
पर जरूरी है
‘किक’…पैडल मारने के जैसा
पंख फड़फड़ाने के जैसा
फिर जो तैरना है आसमान में
वो ध्यान है
ध्यान….अर्थात्
ध… धरती पर चलता
पल
बाद-पल
वायु में उड़ता
यान
पर हा ! नशा करके
गम को भुलाना तो
खरगोश के जैसे
सामने खड़ी मौत को देख-कर
बड़े-लम्बे कानों को
अपनी ही आँखों पर रख
भूल लाना है
ध्यान में डूबो
लगाकर आत्म-सरोवर में डुबकी खूब ओ
पलट कर कुछ-कुछ कहता सा
शब्द
ध्…या…न
न…या
नशा तो… सफेद झूठ है,
करता फ्रेश
जीवन रूप यान को करता क्रेश
यही कड़वा सच है
सो…
आँखें खोलकर सोना
सोने से बदतर है
और आंखें बन्द करके जागना
जागने से बेहतर है
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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