loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -205

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
आजकल तो जीवन बड़ा आसान हो चला है
घर-घर भौतिक यन्त्र आ चले हैं
पहले जैसी मगजमारी नहीं है आजकल
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
देखिये, पञ्चम के बाद
क्या आया यंत्र
षड्यंत्र
पनाह भौतिकी
राह मौत की
गुण जोड़-जोड़ कर
माटी
‘प्रतिमा’
पत्थर
खोट चोट कर
और माटी तो नहीं,
हम माटी-माधौ जरूर
पाने चले धिक्‌ जो
मृग के माफिक दौड़-दौड़ कर कस्तूर

‘कि ‘भाई’ नीरस दुनिया में
भरे गये रंग
पै उठे तरंग नीरज दुनिया में
चित्र अपना
अब सपना
यानि ‘कि
जब तक काम-काज हम अपने हाथ से,
उपयोग लगा करके करते थे
तब तक हंस-विवेक साथ रखने से,
जीव रक्षा भावना भाते-भाते
पल-पल सुमरण कर लेते थे
अब क्या जल्दी काम-काज निपट गया,
सो बैठ गुमसुम…रण मचाते मन को देखो
निपटो उससे,
अच्छा था श्रुत स्कंध थमा दो,
मन-वानर के लिए

भाई !
कुछ कमा करके भी तो दो,
अपनी आत्मा के लिए
पूर्व का कमा कमाया
यहाँ आकर के बस गवाया
सो जानवी
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point