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जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -16

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
करीब-करीब सुबह, पाँच बजे निकलते होगें ‘हर-बोलो’
उनके निकलने से पहले कैसे पता लगाते हैं आप ‘कि कितने बज चले,
दिन में तो मान लिया,
‘कि सूरज की धूप से ज्ञात हो जाता होगा
सो भगवन् !
भक्त की प्रार्थना स्वीकार हो,
एक घड़ी तो अपने पास में रख लीजिये
स्वामिन् !
यदि बड़ी रहती है, तो छोटी भी,
एक से एक बढ़के आती हैं मार्केट में,
और तो और,
आजकल डिजीटल भी आने लगीं हैं
विदेश से तुल के आतीं हैं,
ज्यादा महंगी भी नहीं भगवन् !
कोई एकाध तो निशानी रख लो मेरी,
मैं आपका अनन्य भक्त हूँ जी
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
सुनिए,
किसने कहा हर बोलो के पहले कोई नहीं आता है, करीब-करीब चार बजे हरिजन आते है,
झर-झर की आवाज सुनते ही,
यह पता चल जाता है
करीब-करीब चार बज चले हैं
और उससे पहले करीब-करीब नहीं
पूर 12 बजे से,
छह घड़ी तक दिव्य ध्वनि क्षण आते हैं
‘काना’ क्या सुनेगा,
देख भी अच्छे से नहीं पाता जो
हाँ…भी’तर कान सुनते हैं,
और रात के 9 बजे हमारे दरवाज़े से,
फिर बतयाते-बतयाते करीब-करीब 10 बजे
मंदिर के दरवाज़े से,
जाने की आवाज आती रहती है
8 बजे आप वैय्यावृत्ति करने तशरीफ लाते हैं
सो घड़ी-घड़ी समय बताने खड़ी,
मेरी घड़ी चलती है बिना सेल के
आपकी घड़िंयाँ तो जाने कब हो चालती फेल
सो सुनिये,
कुछ कुछ कहती सी घड़ी डिजीटल
‘के अ’जी ‘टल’
सहारे
‘हारे के साथ’
बनती कोशिश दिखाओ अंगूठा
न मिलाओ हाथ
कला…वा
शोभे कलाई में
कला…ई…में
विरले ही सिद्ध-हस्त
जो न खरचते-रहते यूँ-ही,
फिजूल अपना कीमती वक्त
सो, आ रखते सहेजकर अपने हाथ में
न सिर्फ घड़ी
बल्कि घड़ी, घड़ी
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

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