सवाल
आचार्य भगवन् !
गुस्सा कभी आपके नाक की
सवारी कर पाया होगा
मुझे तो नहीं लगता,
क्यों ?
क्योंकि आपकी पलकें,
पंखा सा नहीं झलती हैं,
जब नाक पर टिक जाती हैं,
और बिना आवभगत केे,
कौन देर मेहमानी कर पाता है
सो भगवन् !
कभी आपको किसी के ऊपर गुस्सा आया हो,
तो बताइये ?
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
कब किसी पे
उतारा जाता गुस्सा
नजदीकी पे
गैर से भिड़ो,
न मुँह तोड़ जवाब लो
कहता जाता
अपना…
सहता जाता
और बाद मुद्रा यथा-जात
स्वयं अपने सिवा सपना
कोई,
जहाँ दोई…
अपना
अपने ऊपर गुस्सा जरूर आया है
जब जब कूर्म-व्रत छोड़
रिश्ता कुकर्म रत जोड़
हाय ! अपना मुँह काला कराया है
जब-तब हंस-मत, वंश-पथ छोड़
नाता विध्वंश हद जोड़
हाय ! स्नेह वधु-मुक्ति लजाया है
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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