सवाल
आचार्य भगवन् !
सुनते हैं,
आपका चरणोदक लगाते ही,
एक दादी माँ की आँख फिर-के आ गई थी
ये तो चमत्कार है ना भगवन् ?
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
सुनिये,
आ…चरणोदक बोलिये
चरण तो चार,
चतुष्पद के
षट्पदी के, पाँच पार
और अष्टापद के तो अष्ट
किन्तु
परन्तु
कहाँ निवारक-कष्ट
और दादी माँ की ‘आँख आई होगी’
फिर के आ गई,
इसमें चमत्कार कैसा
और जन्मान्ध तो
रखता आँख
भीतरी
दूसरी
तीसरी
उसे ना…रियल आँखें यदि दीं
तो मार लिया कौन सा तीर
मुझे गुमान से बचाना मेरे वीर
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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