सवाल
आचार्य भगवन् !
आप तलस्पर्शी ज्ञान रखते हैं
आपके आगे विद्वानों की बोलती बन्द हो जाती है, किसी की भी एक नहीं चलती आपके सामने,
कैसा पुण्य है स्वामिन्, आपका
सरसुति पुत्र हैं आप
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
क्या बात कर रहे आप
किसी की एक नहीं चलती है
‘मेरे सामने’
आठ-आठ की चलती है
और तो और ठाट-बाट से चलती है
न बस आज कल से
बल्कि अनादि पल से
चली आ रही है इक्कर
टक्कर देने की जब जब ठानी
हा ! पड़ी मुँह की खानी
सुनते हैं,
इस घोर कलयुग में
जे जन्मे
वे साथ अज्ञान ही
छूते भले भा…रत मही
और आप तलस्पर्शी ज्ञान की बात करते हैं
और हाँ…
न सिर्फ जुबान ही
जानती बोलना
आँख भी
किस-किस की करूँँगा बोलती बन्द
क्यूँ न मौन ले के रहूँ मैं
क्यूँ न नमो नमः कहूँ मैं
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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