loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 982

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 982

गुरु शिष्य का रिश्ता
कभी न रिसता
दिन दिन होता जाता गहरा,
और गहरा और गहरा
कभी न रिसता,
गुरु शिष्य का रिश्ता ।।स्थापना।।

रिश्ता गहरा और बनाएँ
रोज भाँत जल गंग भिंटाएँ
गुरु शिष्य का रिश्ता
कभी न रिसता
दिन दिन होता जाता गहरा,
और गहरा और गहरा
कभी न रिसता,
गुरु शिष्य का रिश्ता ।।जलं।।

रिश्ता गहरा और बनाएँ
रोज भाँत घट गंध भिंटाएँ
गुरु शिष्य का रिश्ता
कभी न रिसता
दिन दिन होता जाता गहरा,
और गहरा और गहरा
कभी न रिसता,
गुरु शिष्य का रिश्ता ।।चन्दनं।।

रिश्ता गहरा और बनाएँ
रोज भाँत धाँ ‘नन्द’ भिंटाएँ
गुरु शिष्य का रिश्ता
कभी न रिसता
दिन दिन होता जाता गहरा,
और गहरा और गहरा
कभी न रिसता,
गुरु शिष्य का रिश्ता ।।अक्षतं।।

रिश्ता गहरा और बनाएँ
रोज भाँत निशिगंध भिंटाएँ
गुरु शिष्य का रिश्ता
कभी न रिसता
दिन दिन होता जाता गहरा,
और गहरा और गहरा
कभी न रिसता,
गुरु शिष्य का रिश्ता ।।पुष्पं।।

रिश्ता गहरा और बनाएँ
रोज भाँत गुलकन्द भिंटाएँ
गुरु शिष्य का रिश्ता
कभी न रिसता
दिन दिन होता जाता गहरा,
और गहरा और गहरा
कभी न रिसता,
गुरु शिष्य का रिश्ता ।।नैवेद्यं।।

रिश्ता गहरा और बनाएँ
रोज भाँत लौं-नन्त भिंटाएँ
गुरु शिष्य का रिश्ता
कभी न रिसता
दिन दिन होता जाता गहरा,
और गहरा और गहरा
कभी न रिसता,
गुरु शिष्य का रिश्ता ।।दीपं।।

रिश्ता गहरा और बनाएँ
रोज भाँत दश-गंध भिंटाएँ
गुरु शिष्य का रिश्ता
कभी न रिसता
दिन दिन होता जाता गहरा,
और गहरा और गहरा
कभी न रिसता,
गुरु शिष्य का रिश्ता ।।धूपं।।

रिश्ता गहरा और बनाएँ
रोज भाँत नारंग भिंटाएँ
गुरु शिष्य का रिश्ता
कभी न रिसता
दिन दिन होता जाता गहरा,
और गहरा और गहरा
कभी न रिसता,
गुरु शिष्य का रिश्ता ।।फलं।।

रिश्ता गहरा और बनाएँ
रोज भाँत जल गंध भिंटाएँ
गुरु शिष्य का रिश्ता
कभी न रिसता
दिन दिन होता जाता गहरा,
और गहरा और गहरा
कभी न रिसता,
गुरु शिष्य का रिश्ता ।।अर्घ्यं।।

=कीर्तन=
जय धरती के देवता
देवता जय देवता
देवता जय देवता
जय धरती के देवता
जय धरती के देवता

जयमाला
दिन रैना, विनन्ति नम नैना
गुरुवर इतनी शक्ती देना

नन्हें नन्हें कदम बढ़ाऊँ
मुझे सँभालो गिर ना जाऊँ
गुरुवर इतनी शक्ति देना
थक रस्ते पर बैठ न जाऊँ
आगे बढ़कर मंजिल पाऊँ

गुरुवर इतनी शक्ती देना
दिन रैना, विनन्ति नम नैना
गुरुवर इतनी शक्ती देना

अपनी फीकी पड़ती रेखा
देख पराई बढ़ती रेखा
गुरुवर इतनी शक्ति देना
रेखा अपनी बने बढ़ाऊँ
पर की रेख मिटा ना आऊँ

गुरुवर इतनी शक्ती देना
दिन रैना, विनन्ति नम नैना
गुरुवर इतनी शक्ती देना

काँधे बिठा आसमाँ लाये
कोई ना हनुमान दिखाये
गुरुवर इतनी शक्ति देना
रख काँधे आसमाँ छुवाऊँ
टाँग किसी की खींच न आऊँ

गुरुवर इतनी शक्ती देना
दिन रैना, विनन्ति नम नैना
गुरुवर इतनी शक्ती देना

थोथा चना घना बाजे है
सूखा घन दुगना गाजे है
गुरुवर इतनी शक्ति देना
पा अधिकार न रौब जमाऊँ
करतब पथ पर बढ़ते जाऊँ

गुरुवर इतनी शक्ती देना
दिन रैना, विनन्ति नम नैना
गुरुवर इतनी शक्ती देना

रोड़े क्या रस्ते में पाता
मन विश्वास डगमगा जाता
गुरुवर इतनी शक्ति देना
उतर आग दरिया तर आऊँ
ठेल पर्वतों को बढ़ जाऊँ

गुरुवर इतनी शक्ती देना
दिन रैना, विनन्ति नम नैना
गुरुवर इतनी शक्ती देना

तीर न मनमानी बाँतों का
गीड़ दिखे न निज आँखों का
गुरुवर इतनी शक्ति देना
देख आईना खींज न जाऊँ
बनें चलूँ रस्ते, न बनाऊँ

गुरुवर इतनी शक्ती देना
दिन रैना, विनन्ति नम नैना
गुरुवर इतनी शक्ती देना

कस्ती भँवर खबर ले लेना
गुरुवर इतनी शक्ती देना
दिन रैना, विनन्ति नम नैना
गुरुवर इतनी शक्ती देना 
।।जयमाला पूर्णार्घं।।

=हाईकू=
कोई न किसी से गिला,
दें वे खोई खुशी से मिला

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point