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आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 908

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 908

हाईकू
घर हमारे क्यों आओगे,
आपके हैं कौन हम ।
भले होंठों में दबे वैन हैं,
और हैं नैन नम ।।

है करे तेरे नाम का सुमरण,
ये धड़कन ।
तेरे इशारों पे चले,
भले साँसों की सरकन ।।स्थापना।।

चढ़ाने तुम्हें लाया मैं नीर,
तेरी तस्वीर, मेरी तकदीर
चढ़ाने तुम्हें लाया मैं नीर ।।जलं।।

चढ़ाने तुम्हें लाया मैं गंध
मन ये मेरा, करता है तुम्हें, बस तुम्हें पसन्द
चढ़ाने तुम्हें लाया मैं गंध ।।चन्दनं।।

चढ़ाने तुम्हें लाया मैं धान
हूँ भक्त मैं तेरा, है इसका मुझे गुमान
चढ़ाने तुम्हें लाया मैं धान ।।अक्षतं।।

चढ़ाने तुम्हें लाया मैं पहुप
चाहता हूँ, मैं तुम्हें चाहता हूँ बहुत
चढ़ाने तुम्हें लाया मैं पहुप ।।पुष्पं।।

चढ़ाने तुम्हें लाया मैं नवेद
आया में श्रद्धा भक्ति समेत
चढ़ाने तुम्हें लाया मैं नवेद ।।नैवेद्यं।।

चढ़ाने तुम्हें लाया मैं दिया
भव भव के तुम्हीं एक मेरे साथिया
चढ़ाने तुम्हें लाया मैं दिया ।।दीपं।।

चढ़ाने तुम्हें लाया मैं अगर
खुशबू तुम, मैं फूल भर
चढ़ाने तुम्हें लाया मैं अगर ।।धूपं।।

चढ़ाने तुम्हें लाया मैं भेली
वगैर तोर मैं इक पहेली
चढ़ाने तुम्हें लाया मैं भेली ।।फलं।।

चढ़ाने तुम्हें लाया मैं अरघ
चरणों में तेरे, हैं मेरे दो जग
चढ़ाने तुम्हें लाया मैं अरघ ।।अर्घ्यं।।

हाईकू
छाहरी तेरी,
पा जाये किसी घड़ी, कुटिया मेरी

जयमाला
बात करना ही नहीं,
मुझे तुझसे
जब मतलब ही नहीं,
तुझे मुझसे

रोजाना वहीं
चले जाया करो
‘जि गुरु जी
रोजाना वहीं चले जाया करो
तुम्हारे हैं ही नहीं,
हम तो कुछ भी
‘जि गुरु जी
चले जाया करो रोजाना वहीं

जब मतलब ही नहीं,
तुझे मुझसे
बात करना ही नहीं,
मुझे तुझसे
जब मतलब ही नहीं,
तुझे मुझसे

कोई नई थोड़े ही माँगी थी
माँगी जो, पीछी वो पुरानी थी
तुमने वो भी उसको दे दी
तुम्हारे हैं ही नहीं,
हम तो कुछ भी
‘जि गुरु जी

बात करना ही नहीं,
मुझे तुझसे
जब मतलब ही नहीं,
तुझे मुझसे

रोजाना वहीं
चले जाया करो
‘जि गुरु जी
रोजाना वहीं चले जाया करो
तुम्हारे हैं ही नहीं,
हम तो कुछ भी
‘जि गुरु जी
चले जाया करो रोजाना वहीं

जब मतलब ही नहीं,
तुझे मुझसे
बात करना ही नहीं,
मुझे तुझसे
जब मतलब ही नहीं,
तुझे मुझसे

उसी से मुस्कुरा के बात किया करते हो
सुनाती है वो मुझे आकर
मेरे अपने ही घर पर
‘के सपनों रोज उससे
मुलाकात किया करते हो
मुस्कुरा के बात किया करते हो

तुम्हारे हैं ही नहीं,
हम तो कुछ भी
‘जि गुरु जी

बात करना ही नहीं,
मुझे तुझसे
जब मतलब ही नहीं,
तुझे मुझसे

रोजाना वहीं
चले जाया करो
‘जि गुरु जी
रोजाना वहीं चले जाया करो
तुम्हारे हैं ही नहीं,
हम तो कुछ भी
‘जि गुरु जी
चले जाया करो रोजाना वहीं

जब मतलब ही नहीं,
तुझे मुझसे
बात करना ही नहीं,
मुझे तुझसे
जब मतलब ही नहीं,
तुझे मुझसे
।।जयमाला पूर्णार्घं।।

हाईकू
होती जलन मुझे,
कहे कोई जो अपना तुझे

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