- परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
पूजन क्रंमाक 802
शरण तेरी आये,
त्राहि-माम्,
अय ! मेरे राम,
दुख दिल दुखाये,
शरण तेरी आये,
त्राहि-माम्,
अय ! मेरे राम,
दुख दिल दुखाये ।।स्थापना।।
लाये नीर,
घनेरी पीर,
त्राहि-माम्,
अय ! मेरे राम,
दुख दिल दुखाये,
शरण तेरी आये ।।जलं।।
लाये गंध,
दृग् तरेरे बंध,
त्राहि-माम्,
अय ! मेरे राम,
दुख दिल दुखाये,
शरण तेरी आये ।।चन्दनं।।
लाये धान,
ढ़ेर अरमान,
त्राहि-माम्,
अय ! मेरे राम,
दुख दिल दुखाये,
शरण तेरी आये ।।अक्षतं।।
लाये पुष्प,
गुल पुण्य शुष्क,
त्राहि-माम्,
अय ! मेरे राम,
दुख दिल दुखाये,
शरण तेरी आये ।।पुष्पं।।
लाये भोग,
लग पाँत रोग,
त्राहि-माम्,
अय ! मेरे राम,
दुख दिल दुखाये,
शरण तेरी आये ।।नैवेद्यं।।
लाये ज्योत,
खतर’नाक’ क्रोध,
त्राहि-माम्,
अय ! मेरे राम,
दुख दिल दुखाये,
शरण तेरी आये ।।दीपं।।
लाये धूप,
धी मण्डूक कूप,
त्राहि-माम्,
अय ! मेरे राम,
दुख दिल दुखाये,
शरण तेरी आये ।।धूपं।।
लाये भेल,
तिष्णा विष बेल,
त्राहि-माम्,
अय ! मेरे राम,
दुख दिल दुखाये,
शरण तेरी आये ।।फलं।।
लाये अर्घ,
पाप संसर्ग,
त्राहि-माम्,
अय ! मेरे राम,
दुख दिल दुखाये,
शरण तेरी आये ।।अर्घ्यं।।
हाईकू
ऐसे कैसे हैं,
गुरु जी हार जाते,
माँ के जैसे हैं
जयमाला
कलरव सी किलकारी,
छव प्यारी मनहारी,
आँगन दा मल्लप्पा,
जन्मोत्सव तैयारी,
मुखड़ा टुकड़ा चन्दा,
माँ श्री मन्ती नन्दा,
लट काली घुँघराली,
छव प्यारी मनहारी,
आँगन दा मल्लप्पा,
जन्मोत्सव तैयारी,
कलरव सी किलकारी,
छव प्यारी मनहारी,
आँगन दा मल्लप्पा,
जन्मोत्सव तैयारी,
शुक नासा, झील नयन,
नन्दन-वन चन्दन तन,
शिश सूर्य होंठ लाली,
छव प्यारी मनहारी,
आँगन दा मल्लप्पा,
जन्मोत्सव तैयारी,
कलरव सी किलकारी,
छव प्यारी मनहारी,
आँगन दा मल्लप्पा,
जन्मोत्सव तैयारी,
हिम-गिर उन्नत माथा,
भ्रू इन्द्र-धनुष नाता,
मुस्काना बलहारी,
छव प्यारी मनहारी,
आँगन दा मल्लप्पा,
जन्मोत्सव तैयारी,
कलरव सी किलकारी,
छव प्यारी मनहारी,
आँगन दा मल्लप्पा,
जन्मोत्सव तैयारी,
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।
हाईकू
मैं दोगला,
‘जि गुरु जी कुछ करो ‘ना’,
मैं दो गला
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