loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 352

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित
    पूजन क्रंमाक 352

    ==हाईकू==
    मेरा भी मन,
    सँजो लाया मीरा सा दीवानापन ।।स्थापना।।

    प्रार्थना सुन,
    जल ये, व मुझे लो अपना चुन ।।जलं।।

    अरजी सुन,
    गंध ये, व मुझे लो अपना चुन ।।चन्दनं।।

    विनती सुन,
    सुधाँ ये, व मुझे लो अपना चुन ।।अक्षतं।।

    शुभ शगुन !
    पुष्प ये, व मुझे लो अपना चुन ।।पुष्पं।।

    गुम औगुन !
    चरु ये, व मुझे लो अपना चुन ।।नैवेद्यं।।

    सुत’ भी धुन’
    दीप ये, व मुझे लो अपना चुन ।।दीपं।।

    बेजोर पुन !
    धूप ये, व मुझे लो अपना चुन ।।धूपं।।

    गृह सद्-गुण
    फल ये, व मुझे लो अपना चुन ।।फलं।।

    कृपया सुन,
    अर्घ ये, व मुझे लो अपना चुन ।।अर्घ्यं।।

    ==हाईकू==
    बात ऐसी, ‘कि जा चुभे ‘जी’
    करें ही नहीं गुरु जी

    ।।जयमाला।।
    तुमसे प्रवचन जो सुनते हैं,
    तो लगता है, सुनते ही जाओ ।
    तुमसे सद्-गुण जो चुनते हैं,
    तो लगता है, चुनते ही जाओ ।

    लगाई लगता माटी दूजी
    बनाने में तुम्हें गुरु जी ।।
    चाँद में दाग क्योंकि
    भान में आग क्योंकि
    एक बड़ भाग तुम्हीं
    दीवाली मना रहे फाग तुम्हीं ।
    एक बड़ भाग तुम्हीं

    लगाई लगता माटी दूजी
    बनाने में तुम्हें गुरु जी ।।
    न सोने सुहाग क्योंकि
    ‘कोयल’ सम-काग क्योंकि
    एक बड़ भाग तुम्हीं
    दीवाली मना रहे फाग तुम्हीं ।
    एक बड़ भाग तुम्हीं

    लगाई लगता माटी दूजी
    बनाने में तुम्हें गुरु जी ।।
    चन्दन घर नाग क्योंकि
    निर्झर अर झाग क्योंकि
    एक बड़ भाग तुम्हीं
    दीवाली मना रहे फाग तुम्हीं ।
    एक बड़ भाग तुम्हीं

    ।।जयमाला पूर्णार्घं।।

    ==हाईकू ==
    होने पार, लगाओ जोरदार
    गुरु-जै-कार

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point