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आरती

आरती-नमि-नाथ

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

नमि-नाथ आरती

नमि-नाथ भगवान् ।
मेरे नमि-नाथ भगवान् ।।
उतारूँ आरतिया ।
निहारूँ मूरतिया ।।
करुणा दया निधान,
मेरे नमि-नाथ भगवान् ।

विजय-राज नृप राज दुलारे ।
मात वर्मिला नयन सितारे ।।
च्युत अपराज विमान ।
जनमें मिथिला आन ।।
करुणा दया निधान,
मेरे नमि-नाथ भगवान् ।

जान विष’य विष रस्ता मोड़ा ।
रत्नत्रय से रिश्ता जोड़ा ।।
साध सहज सद्-ध्यान ।
पाया केवल ज्ञान ।।
करुणा दया निधान,
मेरे नमि-नाथ भगवान् ।

सार्थक नाम आप समशरणा ।
वैर छोड़ बैठे सिंह हिरना ।।
कर जन-जन कल्याण ।
बाद चले शिव थान ॥
करुणा दया निधान,
मेरे नमि-नाथ भगवान् ।

नमि-नाथ भगवान् ।
मेरे नमि-नाथ भगवान् ।।
उतारूँ आरतिया ।
निहारूँ मूरतिया ।।
करुणा दया निधान,
मेरे नमि-नाथ भगवान् ।

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