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मेरा प्यारा गांव

मेरा प्यारा गांव

मेरा प्यारा काला पीपल

क…छुआ भीतर
कछु…आ भीतर
जैसे कछुआ भीतर
मेरा काला पीपल
काले काले नागों वाले बाबा को
पीपल पत्ती नुमा अपने अजीज़ दिल में
बिठाल कर,
टकटकी लगा निहार कर
भीतर ही भीतर मुस्कुराता है
इसीलिए काला पीपल कहलाता है ।

मेरा प्यारा काला पीपल
जहाँ कहीं दरो-दीवार से नहीं फूटा है
जिसे चाहे जिसने जड़ से उखाड़ फेंका है
बल्कि अनोखा है,
अनूठा है
काला काला जो भूमि भाग है
वहाँ चल…आकर
चलाकर
खुद बागवान ने सहेजा है
और कहा, अपने कलेजा का टुकड़‌ा है
जिसकी घनी छाया में दुखड़ा
छू-मन्तर हो जाता है
इसीलिये काला पीपल कहलाता है ।

मेरा प्यारा कारा पीपल
काल मतलब समय / मौसम
यानि कि बरषा काल हो
या शीत काल
जब कभी जुखाम हो जाता है
तो ख़ामखां
हकीमों को चढ़ावा नहीं चढ़ाता है
बस पढ़ आता है
‘दवा…खाना’
न ‘कि दबा दबा के खाना
और
पीपल-पीपर काला
कुछ कुछ पीपर कारा
बहुत कुछ पीपर काढ़ा
एक साँस में पी जाता है
और गम्म खाकर
नेक साल जी जाता है
इसीलिये काला पीपल कहलाता है

मेरा प्यारा काला पीपल
काला कहकर भी
पी मतलब प्रिय कहा गया है
जैसे माँ अपने ‘लाल’ के लिए
कल्लू कहकर
दुनिया वालों को काली नजर से बचा लेती है
और बचा लेती है
का ?…जल
जो ऐसा वैसा नहीं है
जिसके आगे ‘है कल जो’
‘रे जल वो’
कहीं से कहीं तक नहीं लगता है
फिर माँ अपने लोलो-गुहर की आंखें
उस काजर से आंज आती है
और उसकी बुद्धि पर नाज करता हुआ
पर दुःख कातर
उसका अपना मन बड़ा इठलाता है
इसलिए काला पीपल कहलाता है

मेरा प्यारा काला पीपल
काल मतलब मृत्यु से कहता है
ठहर…
तेरे कहर का जो डर है
मैं उसे पी जाता हूँ
अभी के अभी पल भर में
चूंकि खूब जानता है
गला ना पाया पानी मुझको
बखूब जानता है
जला ना पाई अगनी मुझको
देखो ना,
झड़ पीला पत्ता
सड़ गीला पत्ता
पुनः कोपल बन
काल की नासमझी पर
एक ज़ोरदार ठहाका लगाता है
इसीलिए काला पीपल कहलाता है

मेरा प्यारा काला पीपल
कुछ कुछ झकझोरता सा
इस मृग मरीचिका की छाया पड़े
इस अपने मन को
के ‘का’ मतलब क्या ?
‘ला’ मतलब लाये थे, जब यहाँ आये थे
और जाना खाली हाथ
क्या ? ले जाना अपने साथ
फिर ‘प्रिय-पल’
बटोरने में सोना चाँदी पीतल
क्यों ? गवाता है
क्या ? तेरे को कुछ भी समझ में नहीं आता है
इसीलिए काला पीपल कहलाता है

चलते-चलते
कुछ और कहने का मन कर रहा है
महाराज जो हूँ
महान् राज भी खोल ही देता हूॅं
एक बहु चर्चित शब्द है
पीहर
मतलब प्रियतम को हरने वाला स्थान
यानि ‘कि’
माँयका
माँ का घर
सो
जिनवाणी माँ के पास बीता पल
उजला है
और पी-पिया-प्रिया के पास बीता पल
काला है
सच बड़ा अनूठा
माँऔर बच्चे का नाता है
इसीलिए काला पीपल कहलाता है
मेरा प्यारा काला पीपल
क…छुआ भीतर
कछु…आ भीतर
जैसे कछुआ भीतर
मेरा प्यारा काला पीपल

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