सुमतनाथ लघु चालीसा=दोहा=भक्ति नाव में बैठ के, सुनते लाखों पार ।आ प्रभु कीर्तन से जुड़ें,थोड़ा समय निकाल ।।१।। चाह न चावल पीले ।रखते नैन पनीले ।। बिगड़े काम बनाते ।माँ किरदार निभाते ।।२।। इक सुर जगत् पुकारे ।ईश्वर सुमत हमारे […]
24 तीर्थंकर चालीसा
सुमतनाथ लघु चालीसा=दोहा=भक्ति नाव में बैठ के, सुनते लाखों पार ।आ प्रभु कीर्तन से जुड़ें,थोड़ा समय निकाल ।।१।। चाह न चावल पीले ।रखते नैन पनीले ।। बिगड़े काम बनाते ।माँ किरदार निभाते ।।२।। इक सुर जगत् पुकारे ।ईश्वर सुमत हमारे […]
पद्म प्रभलघु चालीसा=दोहा=सुमरण सु’मरण मान के, आ क्षण जुड़े इकाध ।भागवान वे लोग हैं, बाबा जिनके साथ ।। आप किरपा बरसाते हैं । आपके भक्त बताते हैं ।।आप रखते हैं आँखें नम ।किसी का लख न पाते गम ।।१।। सुना […]
सुपार्श्वनाथलघु चालीसा=दोहा=कलजुग प्रभु भक्ति सिवा, और न मुक्ति जहाज । आ भगवत रँग में रँगें, छोड़ भवद अर-काज ।। आँखों में पानी रखते ।तुम पीड़ा और समझते ।। कोई, पूरण-मंशा तुम । जग दोई मत-हंसा तुम ।।१।। बिन कारण मंगल […]
चन्द्रप्रभु लघु चालीसा=दोहा=धका-धका शिव ले चले,कीर्तन पाछी पौन ।आ पल दो पल के लिये,नम करते दृग् कोन ।। एक नहीं सारे के सारे । भक्त तुम्हें प्राणों से प्यारे ।मैं क्या कहूँ, कहे जग सारा ।साँचा एक तुम्हारा द्वारा ।।१।। […]
सुविधनाथलघु चालीसा=दोहा=और तुम सिवा कौन है,मानस मंशा पूर ।सुविध नाथ करके कृपा,विध बन्धन दो चूर ।। तुम्हें आता दुखड़ा सुनना ।दया तुम अंतरंग गहना ।।किसी का दुुख न देख पाते ।तुम्हारे नैना भर आते ।।१।। परीक्षा अग्नि सिया रानी ।किया […]
शीतलनाथलघु चालीसा=दोहा=सार्थ नाम ‘रिश्ता’ रखे,ऐसी ही कब बात । एक बार प्रभु हाथ मेंदेखो देकर हाथ ।। दया बरसात करते तुम ।नया वर साथ करते तुम ।। खाली हाथ न लौटाते ।पन्ने-पन्ने बतलाते ।।१।। हो तुम कुछ हटके जग में […]
श्रेयोनाथलघु चालीसा=दोहा=श्रेयस् कलि कल्यान के, आप एक आधार । तभी एक सुर जग करे, जिन श्रेयस् जयकार ।। तुम करुणा अवतार । लोचन सजल तुम्हार ।। देख पराई पीर । होते आप अधीर ।।१।। शील जयतु जयकार । आग बनी […]
वासु पूज्यलघु चालीसा=दोहा=आ सुमरण से जुड़ चलें,भले घड़ी एकाध ।सुना, डूबते के लिये,काफी तिनका साथ ।। दिल दया से भींजा ।नैन रखते तीजा ।।भक्त की सुनते तुम ।भक्त को चुनते तुम ।।१।। विनत सीता रानी ।आग पानी पानी ।।कहा अर्हम्-अर्हम् […]
विमलनाथलघु चालीसा=दोहा=लगे हाथ यूँ ही कहाँ, सुमरण सु’मरण हेत । पलक सही, पै थामते, आ प्रभु सुमरण केत ।। ‘क्या कहने’ करुणा । नम रहते नयना ।। अपना वक्त निकाल । सुनते भक्त पुकार ।।१।। आग, बना पानी ।सति सीता […]
अनन्तनाथलघु चालीसा‘दोहा’श्री-फल हाथों का लिया,कर लाखों का काम ।पर दुख कातर ! हे प्रभो,जिनवर नन्त प्रणाम ।। आश तुम, विश्वास तुम । आती जाती श्वास तुम ।। तुम न रहते हो खपा ।सदा बरषाते कृपा ।।रह के आस पास तुम […]
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