(मुनि श्री अजय सागर जी) संसार में धर्म की आराधना श्रेष्ठ है। धर्म की आराधना से जीवो का जीवन सुखी-समृद्ध होता है। विषय विकारो वश संसार में पतित आत्मा, धर्म साधना से अपने को विशुद्ध बनाकर पावन परमात्म पद पा […]

(मुनि श्री अजय सागर जी) संसार में धर्म की आराधना श्रेष्ठ है। धर्म की आराधना से जीवो का जीवन सुखी-समृद्ध होता है। विषय विकारो वश संसार में पतित आत्मा, धर्म साधना से अपने को विशुद्ध बनाकर पावन परमात्म पद पा […]
परम पूज्य मुनि श्री १०८ अजय सागर जी महाराज का जीवन परिचय पूर्वनामब्रह्मचारी राकेश भैया (राकेश कुमार जैन)पिता स्व. श्री राजेंद्र कुमार जैनमाता स्व. श्री कमली बाई जैन पूर्व धर्मपत्नीश्रीमति अंजना जैन (तीन प्रतिमा धारी) जन्म तिथि08 जनवरी 1963पोष शुक्ला […]
कुंदकुंद को नीत नमो, हृदय कुंद खुल जाय ।परम सुगंधीत महक में, जीवन मम भुल जाय ॥ॐ ह्रीं श्री आचार्य कुंदकुंद मुनिंद्राय नमो नमःस्वामी समंतभद्र हो, मै तो रहा अभद्र ।मम उरमें तुम आ वसो, बन जाऊं मै भद्र ॥ॐ […]
एक बार भीषण गर्मी में विशाल वृक्ष के नीचे इकट्ठे हुये पशुओं से वनराज सिंह ने प्रश्न किया कि यदि आपकी और मनुष्य की मुलाकात हो तो आप उससे क्या कहेंगे ?१) कोयल ने कहा- मैं मनुष्य को अपनी आवाज […]
बन्धुओं विचार करो यदि मनुष्य का अगर सबसे पहला और निकट का सबंध होता है तो वह माता-पिता का होता है, बाकी सगे सम्बंधी, पत्नि, पुत्र का नाता तो बाद में जुडता है । सबसे पहले माता पिता से नाता […]
आदर्श घर वही है जहाँ अपने कुल की गरिमा के अनुरूप आचरण रखा जाता है । जहाँ पूर्वजों के संस्कार, आचार, विचार-रीति, रिवाज, रहन-सहन में बहुत अधिक ध्यान रखा जाता है । अपने पूर्वजो की गौरव शाली परम्परा के अनुरूप […]
नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने कहा है- एक संस्कार वान माँ सौ शिक्षकों से भी श्रेष्ठ है-अर्थात सौ शिक्षक मिलकर जो संस्कार एक बालक को नही दे सकते, वह एक माँ देती है-संस्कार देती है ।मदालसा का पुत्र जो दीवाल के […]
जिसके हाथों में झूला की डोरी , वह नारी जगत का उध्दार करें ।जिसके वचनों में जिनवाणी, वह अपने बच्चों का कल्याण करें ।।जिसके संस्कारों से ही बच्चे , पाठशाला में संस्कार ग्रहण करें ।ये बच्चे आगे जाकर के , […]
नौ दस माह कोख में रखकर माँ, ने मुझको पाला था ।किन्तु जन्म देकर फिर , भवसागर में डाला था ॥फिर गर्भस्थ किया गुरवर ने , धर्म कोख में है पाला ।कैसे उनके गुण गाऊँ मैं, जिसने अपना सब कुछ […]
देव नमो अरहन्त नित, वीतराग विज्ञान ।चन्दनषष्ठी व्रत कथा, कहूँ स्वपर हित जान ॥काशी देश में बनारस नाम का प्रसिध्द नगर है । जिसको, तेइसवें तीथँकर श्री पार्श्वनाथ भगवान ने अपने जन्म धारण करने से पवित्र किया था । उसी […]
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