=गो ‘पिरिया’= मधु शाला बिलकुल विपरीत है मधु यानि ‘कि मधुर लगाये है और माहुर यानि ‘कि जहर छुपाये है मैं आपसे गउशाला की बात कर रहा हूँ, भागीरथ प्रयास साध्य ‘गौरव’ यहाँ पर सहज साध्य है अद्भुत शब्द है […]
=गो ‘पिरिया’= मधु शाला बिलकुल विपरीत है मधु यानि ‘कि मधुर लगाये है और माहुर यानि ‘कि जहर छुपाये है मैं आपसे गउशाला की बात कर रहा हूँ, भागीरथ प्रयास साध्य ‘गौरव’ यहाँ पर सहज साध्य है अद्भुत शब्द है […]
“बिंही शुआ कटीं” सहजू नाम का लड़का था उसकी माँ सुबह-सुबह बोली सहजू के पापा ! क्या बाजार जा रहे हो ? बिंही ले आना पापा ‘मूड’ में थे कहने लगे ‘व्ही’ क्या है यह ? मम्मी बोलतीं हैं ठण्डी […]
“नो नो नो” आज बेबी पूरे एक साल का हो चला है वर्ष गाँठ है उसकी, जो बड़ी धूम-धाम से मनाई जा रही है पढ़ने भेजा था समन्दर पार बेटा, स.. मन्दर जान के हा ! अजान थे यहीं वस […]
“सहजो-घड़ी” एक सुन्दर सी घड़ी थी । जिसमें काँच तो था, […]
“जादुई किताब” एक बार एक किताब आसमान से आकर के […]
“पटरानी और जादुई कपड़े” एक नेक दिल राजा था, रानिंयाँ उसकी एक से […]
“काना…कान्हा” एक सहजू नाम का लड़का था । बड़ा प्यारा, दुनिया […]
“भगवत् भगत-सहजू” गाल ज्यादा बजाते है हम । ऐसा नहीं […]
“जादुई बटुआ” एक जागीर दार के पाँच बेटे […]
“अद्भुत परीक्षा” एक सम्राट था, जीवन शाम के […]
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point