सवाल आचार्य भगवन् ! भगवान् से कैसी प्रीत होनी चाहिये ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब बच्छा कब रस्ते-रस्ते जाता है कब आहिस्ते-आहिस्ते जाता है माँ को सामने क्या पाता है कुलाछें भरते-भरते जाता है बच्चा बनता […]
सवाल आचार्य भगवन् ! भगवान् से कैसी प्रीत होनी चाहिये ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब बच्छा कब रस्ते-रस्ते जाता है कब आहिस्ते-आहिस्ते जाता है माँ को सामने क्या पाता है कुलाछें भरते-भरते जाता है बच्चा बनता […]
सवाल आचार्य भगवन् ! किसी का सरनेम काला है, दोषी है, तो किसी का बड़कुल ये तथा गुण यथा नाम हैं या फिर कोई और राज की बात है नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुनिये क्या याद […]
सवाल आचार्य भगवन् ! माँ के अलावा भी दूसरा कोई सहजो किरदार है जो भगवान् का हाथ बँटाता हो नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब हाँ…हाँ… पूरा परवार निभा रहा किरदार परवर दिगार देखो ठीक बिल्कुल माँ के […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ‘एक गीत’ दही दूध-घी के बदले सिक्का खोटा ले आना करके एक का सवाया वापिस लौटा के आना बखूब जानती खूब गैय्या । यूँ ही न कही जाती मैय्या ।। जा वन चरे औषधी पौधे । […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ‘एक गीत’ चले गये वो लोग कहाँ गाय को जो कहते थे माँ हँसती गैय्या हँसते थे सिसकती गाय सिसकते थे आहार करा मनुहार भरा गाय को, फिर खुद करते थे थे पहले वो लोग यहाँ […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ‘एक गीत’ दे धका क्यूँ निकालते घर से पढ़ी गो दूसरे ही मदरसे दो गज आवास लेती है लेने के नाम पे पानी और घास लेती है और छप्पर फाड़ के देती है लकीर बढ़ाती अपनी […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ‘एक गीत’ गाय धन, गाय धन, गाय धन घास-फूस खा रही । दूध घी खिला रही ।। कामगो ! अचिन्त्य मण । गाय धन, गाय धन, गाय धन ‘सी’ ‘ओ टू’ दे रही । ‘सी ओ […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आने वाले वेगों के समय, पल पलक ठहरने के लिये क्यों कहते हैं आप, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब तू पल पलक तो रुक यह पीछे पड़ा जो दुख वह जायेगा निकल आगे […]
सवाल आचार्य भगवन् ! हम सीधे हों और किसी को दिखते टेड़े हो तो क्या करना चाहिए नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब हम सीधे हों और किसी को दिखते टेड़े हो तो समझना देख पराई पीर आँखों […]
सवाल आचार्य भगवन् ! किसी को कहाँ तक रोका टोका जाये नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब बुरी जिद का, सुबह सुबह न करते जो मुहँ काला मिल ही जाता साँझ तलक कोई न कोई टोकने वाला मत […]
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