सवाल आचार्य भगवन् ! दरवाजे के लिए आप न तो खोलते है, और न ही लगाते है, ऐसा मुनिराजों के मुख से सुना है, तो इसमें क्या कारण है, भगवन् ! गुफा में रहते थे, तब तक तो ठीक था, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! दरवाजे के लिए आप न तो खोलते है, और न ही लगाते है, ऐसा मुनिराजों के मुख से सुना है, तो इसमें क्या कारण है, भगवन् ! गुफा में रहते थे, तब तक तो ठीक था, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! बहुतों के मुख से सुना है, आपका पूरा पैर जमीन पर नहीं पड़ता है कुछ कुछ अधर रहता है, क्या यह सच है भगवन् ! और सुनते भी हैं, ‘कि साधक साधना के बल से, आकाश […]
सवाल आचार्य भगवन् ! सुुनते हैं, ब्रह्मचारी-विद्याधर जी, मंदिर जी में कोई शास्त्र खोलें, तो पूरा करके ही उठते थे सो भगवन् ! इतने बड़े-बड़े शास्त्र जी, सरसकी नजर से भी यदि कोई देखे, तो दिन ढ़ल जाये आप कैसे […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आपके गुलाबी चरण को देख करके, भंवरे फूलों को छोड़, आपके इर्द-गिर्द मँडराते रहते हैं ऐसा कैसा जादू कर देते हैं आप, आज की नई युवा पीढ़ी पै नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब […]
सवाल आचार्य भगवन् ! श्राविका तो दूर, श्रावकों से भी आप, नजरें मिला के, बात नहीं करते है लेकिन भगवन् ! नजरें न मिलें, तब तक तो बात अधूरी सी लगती है, आपका मन कैसे मान जाता है, हमें भी […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आपका पूरा आहार हो जाता है और रसोई, ज्यों की त्यों रक्खी रहती है आप कुछ लेते ही नहीं हैं भगवन् ! बताइये, आपको भोजन पसंद नहीं आता क्या भगवान् आप क्या लेते है, आपको क्या […]
सवाल आचार्य भगवन् ! वन्दना के समय, आपका पीछी रूप बाँसुरी लिये, अंगुली संचालन भक्ति-पाठ रूप गुंजार, और मुखप्-प्रसाद देखते ही बनता है क्या कोई विशेष राज है इसमें ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब देखो, अचरज […]
सवाल आचार्य भगवन् ! व्यक्ति सफेद-पोश, जब बड़े-बड़े अपने दोष आपको बताते हैं, और फिर जब कभी वे, प्रायश्चित भवन से बाहर, आपको टकटाने हैं, तो आप उन्हें पूर्ववत्, सहजो नजर से ही देखते हैं या फिर अपराधी की नजर […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ऐसे कैसे लैंस से देखते हैं आप, जो गलती पहाड़-सी हम आपको बताते हैं, उसका आप राई-सा प्रायश्चित दे करके, हमें निर्भर कर देते हैं, क्या आप हमारा पाप भगवन् से कह करके अपने सर पर […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ऐसा कोई प्रसंग सुनाईये ना, जिसमें माँ श्री मन्ती जी आपके लिये, ये प्रार्थना कर रहीं हो, ‘कि भगवन् “सद्बुद्धि दो इसे, नादानी करता रहता है, ये बाबू अपना” ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, […]
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