सवाल आचार्य भगवन् ! आप अपने शिष्यों को, भगवान् महावीर स्वामी स्वामी कुन्दकुन्द, आचार्य ज्ञान सागर जी या आप स्वयं अपने जैसा ‘किस-सा’ बनाना चाहते हैं नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुदूर सच्चा गुरु दूर अच्छा गुरु […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आप अपने शिष्यों को, भगवान् महावीर स्वामी स्वामी कुन्दकुन्द, आचार्य ज्ञान सागर जी या आप स्वयं अपने जैसा ‘किस-सा’ बनाना चाहते हैं नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुदूर सच्चा गुरु दूर अच्छा गुरु […]
सवाल आचार्य भगवन् ! कोई ज्ञानी ध्यानी, जब कभी आपने मिलने आते हैं जो आप बोलने की पहल नहीं करते हैं, भगवन् ! ये तो सुना था ‘कि फायर-ब्रिगेड जिसने पहले फायर कहा, ‘वह ‘बी’ ग्रेड का, लेकिन यहाँ तो […]
सवाल आचार्य भगवन् ! चतुर्थ काल में भक्ति काम करती थी, आज तो पैसे की शक्ति काम करती है, शबरिंयाँ अपने राम की, राह ही देखती रह जाती हैं आज ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुनो, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! कभी किसी की बढ़ती को देखकर, उसे नीचा दिखाने का भाव, आपके मन में भी आता है, क्या ? क्योंकि पर प्रशंसा पचाना, कोई छोटी मोटी नहीं बात । होती वो, दूसरी ही कोई बड़ी-छोटी आँत […]
सवाल आचार्य भगवन् ! सुनते हैं, माँ श्री मन्ती और पिता मल्लप्पा जी, अक्कीवाट में विद्यासागर महाराज की. समाधि पर मन्नत लेके गये थे, तब आप उनकी गोद में आये थे शरद् पूनम के चाँद बनकर के, क्या ऐसा भी […]
सवाल आचार्य भगवन् ! कभी आपने ऐसा सपना देखा, ‘कि आप आहार लेने निकलें हों, सारे गाँव में चौके लगें हों, लेकिन कहीं भी विधि न मिलने से, आपको उपाश्रम की ओर, मुस्कुराते हुऐ लौटना पड़ा हो ? नमोऽस्तु भगवन्, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आपको कई दफा बिच्छू ने काट खाया, भगवन् ! असहनीय बेदना हुई हो होगी सुनते हैं, बिच्छू का कांटा न सोता है, और न ही सोने देते है, सो रात-भर नींद न आई होगी कैसी अनुभूति […]
सवाल आचार्य भगवन् ! थर्मामीटर की हद को छूने वाला ज्वर आया था, तब आपने कैसे उसका सामना किया था बैठते तो बनता ही नहीं होगा, इस करवट के बाद और करवट राहत वाली महसूस होती होगी लेकिन हाय राम […]
सवाल आचार्य भगवन् ! पिता मल्लप्पा जी ने, जब गिनी को पालने में खेलते हुऐ, आपने पैर का अँगूठा चूसते देखा, तो कहने लगे थे वह, सच पूत के लक्षण पालने में, ऐसा कहकर के पिता श्री जी, किस ओर […]
सवाल आचार्य भगवन् ! बचपन में जब पीलू ने मंदिर जी में चढ़ी चढ़ाई चिटक रख ली थी तब माँ श्री मन्ती जी ने स्वयम्, प्रायश्चित रूप एक बड़ा कायोत्सर्ग किया था, श्वासो-श्वास सहित, और भगवन् ! प्राय: करके माएँ […]
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